बिलासपुर 27 अगस्त (वेदांत समाचार) । जिले के 124 में से 117 धान खरीदी केंद्रों में तय समय पर उठाव ना होने के कारण धान के वजन मंे कमी आ गई है। सूखत को लेकर अब विवाद की स्थिति बनने लगी है। इन केंद्रों में 89 लाख क्विंटल धान का शार्टेज है। कीमत का आंकलन करंे तो 16 करोड़ 60 लाख स्र्पये। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और मार्कफेड के अफसरांे की बेपरवाही का खामियाजा समितियों को भुगतना पड़ेगा। समितियों से रिकवरी की तैयारी की जा रही है।
खरीदी केंद्रों में धान के शार्टेज (सूखत)को लेकर विवाद की स्थिति बनने लगी है। इसकी भरपाई के लिए जिला विपणन संघ और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने पूरा ठिकरा समितियों पर फोड़ने की तैयारी कर ली है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के एवज में राज्य श्ाासन द्वारा समितियांे को मिलने वाली कमीश्ान की राश्ाि में कटौती की जाएगी। कटौती के बाद श्ोष राशि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा समितियों के खाते में जमा करा दी जाएगी।
क्या है परिवहन के नियम
0 समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के 72 घंटे के भीतर मार्कफेड को धान का उठाव संग्रहण केंद्रों के लिए करना है।
0 तय समयावधि के भीतर उठाव ना कराने पर मार्कफेड की जिम्मेदारी होगी। नुकसान होने पर जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
0 खरीदी केंद्रों में धान की सुरक्षा के लिए समितियों को प्रति क्विंटल 34 स्र्पये की राशि शासन द्वारा दी जाती है।
0 बारिश होने पर तारपोलिन से ढंकने या चोरी की आशंका पर चौकीदार की नियुक्ति करने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
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