बिलासपुर 25 अगस्त (वेदांत समाचार) । जिले में मलेरिया एवं डेंगू से बचाव के लिए मितानिन एवं स्वास्थ्य कर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है और पाॅजिटिव प्रकरण पाये जाने पर समूल उपचार दिया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि 1 जनवरी से 31 जुलाई 2021 तक कुल 1 लाख 364 बुखार पीड़ितों की रक्त पट्टी बनाकर जांच की गयी। जिसमें 13 प्रकरण मलेरिया के पाए गए, जिनमें वाईवेक्स के 4 प्रकरण एवं फाल्सीपेरम के 9 प्रकरण पाए गये। जिले में मलेरिया से किसी की मृत्यु नहीं हुई है।
विकासखण्ड कोटा को मलेरिया मुक्त बनाने का अभियान
सिलेक्टिव वेक्टर कंट्रोल के तहत वर्ष 2021 में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर बिलासपुर जिले के विकासखण्ड कोटा के 6 हजार 667 जनसंख्या को वर्ष 2021 में कीटनाशक से दो चक्रों में संरक्षित किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत कुल 5 उपस्वास्थ्य केन्द्र के 7 ग्रामों का एपीआई 2 से अधिक होने के कारण इन ग्रामों में डीडीटी का छिड़काव किया जा रहा है। इस वर्ष छिड़काव हेतु कुल 1 मीट्रिक टन डीडीटी विकासखण्ड कोटा के लिए शासन द्वारा उपलब्ध कराया गया है। गत वर्ष विकासखण्ड कोटा के 11 उपस्वास्थ्य केन्द्र हेतु कुल 19 हजार 259 एल.एल.आई.एन. का वितरण शासन के मापदण्ड के अनुसार किया गया है।
जिले में मलेरिया, डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के लिए सभी विकासखण्डों के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मलेरिया रक्तपट्टी का वार्षिक लक्ष्य दिया गया है, साथ ही सघन माॅनिटरिंग एवं सर्पाेटिव सुपरवीजन का कार्य जिला स्तर की टीम द्वारा निरंतर किया जा रहा है। मलेरिया एवं डेंगू से बचाव हेतु सभी विकासखण्डों एवं शहर में सोर्स रिडक्शन एक्टिविटी करायी जा रही है। जिसके तहत् प्रत्येक घर के आस-पास के क्षेत्रों में पानी एकत्रित न करने की सलाह दी जा रही है। नगर निगम बिलासपुर को फाॅगिंग हेतु मैलाथियन एवं पैराथ्रम उपलब्ध कराया गया है ताकि व्यस्क मच्छरों को नष्ट किया जा सकें। शासन द्वारा सिम्स, जिला अस्पताल एवं जनस्वास्थ्य सहयोग गनियारी को मलेरिया सेन्टीनल अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है। अति गंभीर मरीज को 108 की सहायता से जिला सेन्टीनल अस्पताल रिफर किये जाने हेतु सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
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