गोठान के बहाने जिला प्रशासन ने कब्जाधारियों से मुक्त कराया डेढ़ हजार एकड़ सरकारी जमीन

बिलासपुर 25 अगस्त (वेदांत समाचार) मुख्यमंत्री भूपेश की महत्वाकांक्षी योजना में से एक नरवा, गस्र्वा, घुस्र्वा, बाड़ी का अब प्रदेश में चौतरफा असर दिखाई देने लगा है। गोवंशों को सुरक्षित रखने प्रत्येक ग्राम पंचायत में गोठान बनाना है। इसके लिए सरकारी जमीन का होना जरूरी है। गोठान के बहाने जिला प्रशासन ने जिले के बिल्हा,कोटा,मस्तूरी व तखतपुर ब्लाक के दो दर्जन से अधिक गांवों की एक हजार 582 एकड़ 27 डिसमील जमीन कब्जाधारियों से मुक्त करा लिया है। इस जमीन पर अब गोठान का निर्माण होगा।

राज्य शासन के निर्देशों पर नजर डालें तो गोठान निर्माण के लिए शासकीय भूखंड होना अनिवार्य है। सरकारी जमीन पर ही गोठान का निर्माण किया जाना है। शासन के निर्देशों के परिपालन में जब जिला पंचायत ने ग्राम पंचायतवार सर्वे कराया तो जिले में 74 ग्राम पंचायत ऐसी मिली जहां एक इंच सरकारी जमीन खाली नहीं है। ग्रामीणों व रसूखदारों ने कब्जा जमा लिया है।

शासकीय भूखंड पर अतिक्रमणकारियों के कब्जे की रिपोर्ट सामने आने के बाद जिला पंचायत ने राजस्व विभाग को पत्र लिखकर अतिक्रमणकारियों से शासकीय जमीन को मुक्त कराने की बात कही थी। मुख्यमंत्री की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राजस्व विभाग ने पंचायतवार कब्जाधारियों को सरकारी जमीन छोड़ने नोटिस जारी कर दिया है।

बीते एक सप्ताह के भीतर जिले के सभी चार ब्लाकों के अलग-अलग गांव से राजस्व विभाग ने एक हजार 582 एकड़ 27 डिसमील जमीन कब्जाधारियों से मुक्त कराया है। इन जमीन को पंचायत के सुपुर्द कर दिया गया है। शासकीय भूखंड को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अब संबंधित पंचायत की होगी। इसी जमीन पर गोठान का निर्माण प्रारंभ किया जाएगा।

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