प्रतीक गांधी (Pratik Gandhi) की वेब सीरीज स्कैम 1992 (Scam 1992) को बहुत पसंद किया गया था. इस सीरीज में हर्षद मेहता (Harshad Mehta) की कहानी दिखाई गई थी. जिसने शेयर मार्केट के जरिए लोगों को रातों रात अमीर बना दिया था. वहीं उन्होंने देश के कई नामी बैकों से करोड़ों का फ्रॉड किया था. हाल ही में एक बैंक ने सीरीज स्कैम 1992 द्वारा खुद को बदनाम करने का आरोप लगाया था.
पुणे में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसमें उन्होंने सीरीज में बैंक को बदनाम करने का आरोप लगाया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज इस एफआईआर में जांच पर रोक लगा दी है.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने लगाया स्टे
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कराड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के द्वारा दर्ज कराई एफआईआर की जांच पर रोक लगा दी है. एफआईआर दर्ज होने के बाद सोनी पिक्चर्स ने कोर्ट का रुख किया था और एफआईआर को खारिज करने की मांग की थी. इस मांग पर जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिम एनजे जमादार की बेंच ने एफआईआर को खारिज करने वाली याचिका पर 17 सितंबर तक अंतरिम राहत दे दी है.
सोनी पिक्चर्स के खिलाफ 4 जुलाई 2021 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी. आईपीसी की धारा 500, ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा 102, 107 और सूतना प्रौघोगिकी अधिनियम की धारा 66सी और 43बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
एफआईआर में बैंक ने कहा है कि सीरीज के तीसरे एपिसोड में एक लोगो दिखाया गया है जो बैंक के ट्रेडमार्क जैसा दिखता है. इस लोगो की वजह से बैंक को बहुत नुकसान हो रहा है.
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