किडनी स्टोन यानी पथरी एक गंभीर समस्या है. पथरी का दर्द असहनीय होता है. शरीर में पथरी किडनी या गॉल ब्लैडर दोनों में किसी भी जगह पर बन सकती है. आमतौर पर किडनी में बनने वाली पथरी दवाइयों की सहायता से यूरीन के जरिए बाहर निकल जाती है, लेकिन गॉल ब्लैडर यानी पित्त की थैली में बनने वाली पथरी ऑपरेशन के जरिए शरीर से बाहर निकाली जाती है.
किडनी स्टोन यूरीन में पाए जाने वाले केमिकल के कारण बनते हैं. जब किसी केमिकल के कारण यूरीन गाढ़ा हो जाता है, तो पथरी बनने लगती है. ये कई तरह की होती हैं, लेकिन इन सबसे लक्षण एक जैसे ही होते हैं.
किडनी मुठ्ठी के आकार की होती है, जो शरीर के तरल पदार्थ और केमिकल स्तरों की देखरेख करती है. किडनी रक्त की सफाई करती है और इसमें पाए जाने वाले टॉक्सिक पदार्थों को यूरीन के जरिए बाहर निकाल देती है. ये रक्त में सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करती हैं.
कैल्शियम स्टोन किडनी स्टोन का सबसे आम प्रकार हैं. ये किडनी में बहुत अधिक कैल्शियम के कारण बनते हैं. इसके अलावा, कई ऐसे कारक हैं जिनकी वजह से पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप बहुत कम पानी पीते हैं, तो किडनी यूरीन के जरिए टॉक्सिक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सक्षम नहीं हो पाती है. ऐसे में किडनी स्टोन बनने की संभावना अधिक होती है.
किडनी स्टोन बनने में भोजन भी अहम भूमिका निभाता है. एक्सपर्ट के अनुसार, भोजन में नमक की ज्यादा मात्रा किडनी स्टोन का खतरा बढ़ा देती है. चिकन, बीफ, मछली और पोर्क जैसी हाई प्रोटीन डाइट लेने से भी किडनी स्टोन होने की संभावना बढ़ सकती है. जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन की जगह पर फलीदार सब्जियां, दाल, मूंगफली या सोया फूड से प्रोटीन की पूर्ति करना अच्छा विकल्प माना जाता है.
अन्य कारक जो किडनी स्टोन के विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं इनमें मोटापा, आंत की स्थिति जैसे क्रोहन डिसीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस, कुछ दवाएं, सप्लीमेंट्स और जेनेटिक फेक्टर्स भी शामिल हैं.
एनएचएस के अनुसार, किडनी स्टोन के लक्षणों में पेट या कमर में दर्द, बुखार, पसीना, तेज दर्द जो आता-जाता रहता है, उल्टी महसूस होना, यूरीन में रक्त, यूरीन में संक्रमण आदि शामिल हैं.
कुछ मामलों में, किडनी स्टोन यानी पथरी यूरेटर (एक ट्यूब जो किडनी को ब्लैडर से जोड़ती है) को ब्लॉक कर देती है. इस कारण किडनी में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
वैसे तो किडनी में इंफेक्शन के लक्षण किडनी स्टोन के लक्षणों के समान होते हैं, लेकिन इसमें तेज बुखार, ठंड लगना, कांपना, बहुत ज्यादा कमजोरी, दस्त, यूरीन में बदबू आना शामिल हैं.
किडनी स्टोन की समस्या से बचने के लिए खुद को हाइड्रेट रखना जरूरी है. इससे किडनी नेचुरल तरीके से डिटॉक्सीफाई होती है. अगर आपके भोजन में सोडियम की बहुत अधिक मात्रा है तो ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए खाने में नमक का इस्तेमाल कम करें. पालक, साबुत अनाज, टमाटर, बैंगन और चॉकलेट आदि के सेवन से बचें.
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