राष्ट्रीय खेल पुरस्कार कार्यक्रम में इस बार होगी देरी, खेल मंत्रालय ने लिया फैसला, ये है कारण

टोक्यो ओलिंपिक-2020 (Tokyo Olympics-2020) खत्म हो चुके हैं और भारत ने इन इस बार सात पदक अपने नाम करते हुए खेलों के महाकुंभ में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. लेकिन जापान की राजधानी में अभी खेलों का जश्न थमा नहीं है. ओलिंपिक खेलों के बाद यहां पैरालिंपिक खेल होने हैं. 24 अगस्त से पांच सितंबर तक टोक्यो को पैरालिंपिक खेलों की मेजबानी करेगी और इन्हीं खेलों को ध्यान में रखते हुए भारतीय खेल मंत्रालय ने एक अहम फैसला लिया है. प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को आयोजित होने वाला राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह इस साल देर से कराया जाएगा क्योंकि सरकार चाहती है कि चयन पैनल टोक्यो पैरालिंपिक-2020 में भाग लेने वाले पैरा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को भी इनाम में शामिल करे.

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पुरस्कार विजेताओं को चुनने के लिए चयन पैनल गठित कर लिया गया है लेकिन चयन प्रक्रिया में आगे बढ़ने से पहले वे कुछ और समय इंतजार करना चाहेंगे. ठाकुर ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार समारोह के दौरान कहा, ‘‘इस साल के लिए राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समिति गठित कर दी गई है, लेकिन पैरालिंपिक का आयोजन किया जाना है इसलिए हम पैरालिंपिक के विजेताओं को भी इसमें शामिल करना चाहते हैं. मुझे उम्मीद है कि वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

वर्चुअल हो सकता है कार्यक्रम

राष्ट्रीय पुरस्कार – खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार – हर साल देश के राष्ट्रपति द्वारा 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर दिए जाते हैं जो महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती भी है. मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘पिछली बार की तरह इस साल भी पुरस्कार समारोह वर्चुअल कराए जा सकते हैं. ’’

राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रक्रिया दो बार बढ़ाए जाने के बाद पांच जुलाई को समाप्त हुई थी. महामारी को देखते हुए आवेदन करने वाले खिलाड़ियों को ऑनलाइन खुद ही नामांकित करने की अनुमति थी लेकिन राष्ट्रीय महासंघों ने भी अपने चुने हुए खिलाड़ी भेजे. भारतीय दल ने हाल में समाप्त हुए टोक्यो ओलिंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसमें देश के खिलाड़ियों ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य सहित कुल सात पदक जीते.

पैरालिंपिक में जाएगा भारत का सबसे बड़ा दल

भारत टोक्यो में 54 पैरा एथलीटों का सबसे बड़ा दल भेज रहा है. पिछले पैरालिंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य सहित चार पदक लेकर लौटे थे. देश के सबसे बड़े खेल सम्मान खेल रत्न को हाल में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया गया जो पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर था.

ईनामी राशि में की गई थी बढ़ोत्तरी

पिछले वर्ष खेल पुरस्कारों की पुरस्कार राशि में काफी वृद्धि की गई थी. खेल रत्न में अब 25 लाख रूपये का पुरस्कार मिलता है जो पहले के साढ़े सात लाख से काफी ज्यादा है. अर्जुन पुरस्कार की पुरस्कार राशि पांच लाख से बढ़ाकर 15 लाख रूपये कर दी गई. पहले द्रोणाचार्य (लाइफटाइम) पुरस्कार हासिल करने वालों को पांच लाख रूपये दिए जाते थे जिन्हें बढ़ाकर 15 लाख रूपये कर दिया गया. द्रोणाचार्य (नियमित) पुरस्कार हासिल करने वाले प्रत्येक कोच को पांच लाख के बजाए 10 लाख रूपये मिलते हैं.

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