हर साल सावन के महीने की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है, इस खास पर्व को मधुश्रवा तीज भी कहा जाता है। इस वर्ष 11 अगस्त दिन बुधवार को सुबह सूर्योदय से और शाम 5 बजे तक हरियाली तीज का महोत्सव मनाया जाएगा। इस खास दिन एक विशेष योग भी बन रहा है, जो इस वर्ष पड़ने वाले हरियाली तीज को खास बना रहा हैं। इस दिन बुधवार को 9ः31 बजे तक पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र रहेंगे जो स्थिर योग बना रहे हैं इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्रवर्धन योग बनाएंगे। हम यहां आपको बतादें कि स्थिर का अर्थ होता है कि कार्य में स्थिरता, पति की आयु में स्थिरता और प्रवर्धन योग का अर्थ है निरंतर आयु और समृध्दि का बढ़ना।
इस दिन लगने वाले दोनों महायोगों से हरियाली तीज का महत्व और अधिक बढ़ गया है। यही वो खास दिन है जब सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अपने वैवाहिक जीवन में चल रही समस्त प्रकार की समस्या के निदान के लिए इस व्रत को रखती हैं। यह व्रत करवा चौथ की तरह ही निर्जला होता है। इस विशेष दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना की जाती है। इस पर्व के दौरान पूरा वातावरण हरा भरा होता है एवं महिलाएं भी इस दिन विशेष रूप से हरी साड़ियां, हरी चूड़ियां एवं हरा श्रृंगार के सामान का उपयोग करती हैं। इसी वजह से इसे हरियाली तीज कहा जाता है।
हरियाली तीज पर बन रहा विशेष योग
इस बार हरियाली तीज पर विशेष योग बन रहा है। स्थिर और प्रवर्धन योग में वौवाहिक संबंधी मंगलकार्य भी किया जा सकता है। इस दौरान वर या कन्या को अपनाना, वैवाहिक बात करना, गोद भराई, रिंग सेरेमनी सगाई आदि के लिए यह दिन बेहद ही शुभ माना जा रहा है। इस प्रकार अगर आप गृह निर्माण के लिए नींव रखने की सोच रहे हैं तो यह समय बहुत ही उपयुक्त है, इसके अलावा गृह प्रवेश, आभूषण, सोना, चांदी और श्रृंगार वस्तुएं खरीदने के लिए भी बहुत अच्छा शुभ मुहूर्त है।
भगवान शिव और माता पार्वती जी के पूजन का शुभ मुहूर्त
अगर आप भी इस व्रत को रख कर मंगलकामना करती हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आप शुभ मुहूर्त में ही पूर्णतः विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करें। प्रातः 6:16 से 8:34 बजे तक और उसके बाद 13:10 बजे से 15:28 बजे तक सिंह और वृश्चिक लग्न अर्थात स्थिर लग्न में बहुत शुभ रहेगा।
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