कोरबा । घांस फूंस के झोपड़ी में रह रहे गरीब परिवारों को पक्का आशियाना देने केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना भी ठकेदारी की भेंट चढ़ गई । राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले जिले के मूल बाशिंदे संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवाओं सहित 72 हितग्राहियों के लिए स्वीकृत आवास चारों किश्तों की पूरी राशि जारी करने के 4 साल बाद भी तैयार नहीं हो सके। तत्कालीन आवास मित्रों ने रोजगार सहायकों व सचिवों के साथ मिलकर फर्जी जियो टैगिंग कर कागजों में आवास तैयार कर दिए। पहाड़ी कोरवाओं की श्यांग थाने में लिखित शिकायत के बाद सीईओ जिला पंचायत के निर्देश पर प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। टीम ने सभी हितग्राहियों का बयान दर्ज कर लिया है। जल्द ही दोषियों पर कार्यवाई की गाज गिरेगी ।
यहाँ बताना होगा कि घांस फूंस के झोपड़ी में रह रहे गरीब परिवारों सहित 2011 की सर्वे सूची में पात्र आवासहीन परिवारों को पक्का आशियाना देने केंद्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति हितग्राही आवास के लिए 1लाख 20 हजार की राशि स्वीकृत की जाती है। जिसमें केंद्रांश 60 फीसदी राज्यांश की सहभागिता 40 फीसदी रहती है। 4 किश्तों में यह राशि हितग्राहियों के खाते सीधे एफटीओ की जाती है। पहले किश्त के रूप में प्लिंथ लेवल तक के लिए 25 हजार ,टॉप लेवल के लिए दूसरे किश्त में 40 हजार तीसरे किश्त में छत ढलाई एवं सामने पलस्तर के लिए 40 हजार की राशि जारी की जाती है । चौथे एवं अंतिम किश्त के तौर पर फिनिशिंग के लिए 15 हजार की राशि जारी की जाती है।
योजना के तहत जिले में भी वित्तीय वर्ष 2016-17,2017-18 एवं 2018 -19 में जनपद पंचायत कोरबा के सिमकेंदा श्यांग एवं सोलवां में हितग्राहियों के आवास स्वीकृत हुए थे। लेकिन यहाँ 72 हितग्राहियों के आवास तत्कालीन आवास मित्रों ने रोजगार सहायकों सचिवों ठेकेदारों की मिलीभगत से फर्जी जियो टैगिंग कर कागजों में तैयार कर दिए।सिमकेंदा के आश्रित ग्राम तीतरडाँड़ के पहाड़ी कोरवाओं की श्यांग थाना में शिकायत के बाद सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी लाल सोनी की शिकायत के बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने इस प्रकरण को गम्भीरता से लिया। उन्होंने प्रकरण की जांच के लिए जांच टीम गठित की। आवास समन्वयक शांति देवांगन सहित जांच दल में शामिल तकनीकी टीम ने सभी हितग्राहियों का बयान दर्ज कर लिया है । हितग्राहियों को बरगला कर आवास तैयार करने के नाम पर राशि लेने वाले स्थानीय ठेकेदारों ने सिमकेंदा में 7 तो श्यांग में 3 आवास को 2 माह के भीतर तैयार करने का लिखित आश्वासन टीम को दिया है। लेकिन प्रकरण में सबसे बड़े दोषी आवास मित्रों की सेवा समाप्त हो चुकी है ।
कार्यवाई करने की बजाय ठेकेदारों को प्रश्रय देती रही पुलिस
इस गम्भीर प्रकरण में श्यांग पुलिस की शर्मनाक कार्यशैली सामने आई है। सिमकेंदा के पहाड़ी कोरवा बाहुल्य आश्रित ग्राम तीतरडाँड़ के पहाड़ी कोरवाओं गणेश कोरवा ,बिसुन कोरवा ने ठेकेदार द्वारा राशि ले जाने के 3 साल बाद भी आवास तैयार नहीं करने की शिकायत की थी। लेकिन श्यांग पुलिस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर कार्यवाई करने की जगह ठेकेदारों से संपर्क कर आवास तैयार करवाने में जुटी है।
केंद्र ने रोकी राशि 16 हजार आवास अधूरे ,कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं हितग्राही
एक तरफ जहां कागजों में आवास तैयार करने का मामला जिले में गरमाया हुआ है वहीं दूसरी ओर 5 साल पूर्व स्वीकृत आवास समय पर राशि नहीं मिलने की वजह से आधे अधूरे हैं। वित्तीय वर्ष 2016 -17 से 2020 21तक जिले में 60 हजार 430 हितग्राहियों के लिए पीएम आवास स्वीकृत हुए। जिसमें से 43 हजार 573 आवास तैयार हो सके हैं। 16 हजार 857 आवास अधूरे हैं। इनमें वित्तीय वर्ष 2020-21 के स्वीकृत 8 हजार आवासों में से सभी 8 हजार आवास अधूरे हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 के 395,वित्तीय वर्ष 2017-18 के 425 ,2018 -19 के 1846,2019-20 के 6 हजार 191आवास अधूरे हैं। बताया जा रहा है किश्तवार राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र के आधार पर शेष किश्तों की राशि जारी होती है। कई हितग्राहियों ने किश्तवार जारी राशि आवास बनाने के बजाय डकार लिया। जिसकी वजह से शेष किश्तों की राशि रोक दी गई है।वहीं शेष अन्य हितग्राहियों के लिए फंड की कमी से आबंटन ही जारी नहीं किया जा रहा है। इन 16 हजार आवासों को तैयार करने 16 करोड़ रुपए से अधिक की बजट की जरूरत होगी। शासन को इसके लिए मांग पत्र भेजा जा रहा है। वहीं जिला पंचायत ने राशि का अपव्यय करने वाले 76 हितग्राहियों से 48 लाख की रिकवरी भी की है।
चार्ट
पीएम आवास एक नजर में
वित्तीय वर्ष स्वीकृत पूर्ण अपूर्ण
2016-17 ,12501-12106-395
2017 -18 ,12264-11839-425
2018-19,19565-17719-1846
2019-20,8100-1909-6191
2020-21 ,8000-00 -00
योग 60430-43573-16857
वर्जन
नहीं बख्शे जाएंगे दोषी ,जांच करा रहे हैं
प्रकरण में दोषियों पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी। जांच दल द्वारा बयान कलमबद्ध किया गया है। अधूरे आवास फंड की कमी की वजह से अधूरे हैं। इसके लिए शासन को पत्राचार कर वस्तुस्थिति से अवगत कराई जा रही है।
कुंदन कुमार ,सीईओ जिला पंचायत ,कोरबा
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