पटवारी पर लगा गंभीर आरोप, न्याय की गुहार लगाने पीड़ित पहुंचा पुलिस अधीक्षक के दवार…जानें पूरा मामला

रायगढ़: रायगढ़ जिले में एनटीपीसी लारा चालू हुआ है तबसे लेकर आज तक लगातार भूमि अधिग्रहण व फर्जी जमीन खरीदी बिक्री कारोबारियों ने अपना काम धड़ल्ले से संचालित करने का काम जारी है और लोग इनके बारे में बिना किसी प्रकार की पूछ परख किए इनके छलावे में पड़ रहे हैं और इसी तरह का मामला सामने आया है पुसौर के एक पीड़ित का जिसकी जमीन को फर्जी तरीके से एक रशुखदार के नाम पर रजिस्ट्री कराने का काम कुछ नामचीन हस्तियों के द्वारा किए गए हैं जिसकी लिखीत शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक रायगढ़ में किया गया है।

आइए जानते हैं क्या है मामला…

पीड़ित वेदव्यास गुप्ता पिता स्व मोहनलाल गुप्ता उम्र 65 वर्ष, निवासी पुसौर वार्ड क्र.06 का है जो अत्यंत गरीब किसान है, पीड़ीत वेदव्यास गुप्ता ने बताया कि मेरे नाम से जिसे विक्रेता बनाया गया है अशोक सिदार का फोटो लगाकर उम्र 38 वर्ष दर्शाया गया है, क्रेता जो नूतन अग्रवाल पिता युगल किशोर अग्रवाल जिनका पता आधार कार्ड पर भाठीपारा लेंध्रा रायगढ़ है तथा इसी रजिस्ट्री हुई दस्तावेजों पर नूतन अग्रवाल पति अनिल रतेरिया जिस पर पता गांधी गंज रायगढ़ लिखा गया है इतना ही नहीं बल्कि पूरे मामले में जालसाजों ने अपने अंदाज में गवाह का भी पता अलग अलग लिखा है जिसमें गवाह नंबर 1 सेतराम चौहान को एक जगह बरपाली पुसौर लिखा गया है तथा दूसरे जगह पर बरपाली बरमकेला लिखा गया है जबकि गवाह बरपाली बरमकेला सही पता है तथा इतनी महंगी जमीन जिसे महज 495000 रूपये में खरीदी बिक्री किया गया है तथा विक्रय विलेख में दर्ज है उसके अनुसार प्रतिफल की राशि 4,95,000/रूपये (चार लाख पंचानबे हजार रूपए) जबकि विक्रय विलेख में साफ साफ लिखा है कि मुद्रांक शुल्क हेतू निर्धारित बाजार मूल्य 28,37,000/रूपये (अठाईस लाख सैंतीस हजार रूपए)है को कैसे सस्ते दाम पर खरीदी व बेची गई है? मेरे गुम हुए ऋण पुस्तिका क्र.1287638 है और इनके नाम से पेन कार्ड नहीं बना है और इनके ऋण पुस्तिका खो गया है इसलिए इन्होंने द्वितीय प्रति बनवाने के लिए तत्कालीन पटवारी सच्चिदानंद साहू के पास गए और उन्हें सारा मामला बताए तो पटवारी ने कहा कि ऋण पुस्तिका गुम हो जाने की सूचना थाने में दर्ज करवाएं और उनकी पावती के साथ आधार कार्ड की छायाप्रति, गुम हुए ऋण पुस्तिका की छायाप्रति, चालान की प्रति व शपथ पत्र को मेरे पास जमा करने पर ऋण पुस्तिका की द्वितीय प्रति प्रदान करने सम्बंधित कार्यवाही की जावेगी। पटवारी के निर्देश पर मेरे द्वारा दिनांक 15/01/2021 को थाना पुसौर में ऋण पुस्तिका गुम हो जाने की सूचना दी गई और विधिवत बैंक चालान पटाकर पटवारी द्वारा चाही गई समस्त दस्तावेजों की प्रति लेकर पटवारी को दिया।

इस बीच पटवारी का तबादला कहीं और हो गई। और उनके स्थान पर नया पटवारी गजेंद्र कुमार राठौर से ऋण पुस्तिका की द्वितीय प्रति प्रदान करने सम्बंधित निवेदन करने पर पटवारी द्वारा बताया गया कि आपका नया पट्टा बनकर 14/07/2021 को जमीन का विक्रय कर चूके हो एवं उस बिक्री जमीन जानकारी प्रदान की गई तब पता चला कि तत्कालीन पटवारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मेरा फर्जी आधार कार्ड, फर्जी ऋण पुस्तिका, फर्जी पेन कार्ड, फर्जी बी 1 एवं बिक्री नकल बनाकर पुसौर के अशोक सिदार, नूतन अग्रवाल व अनिल रतेरिया गांधी गंज रायगढ़, सेतराम बरपाली व खुशीराम चौहान चंघोरी के साथ मिलकर कूटरचना करके अवैध रूप से दिनांक 14/07/2021 को मेरे हक अधिकार की भूमि जिस पर मुझ गरीब वृद्ध किसान का मकान व बाड़ी है को नूतन अग्रवाल के नाम पर अवैध विक्रय कर दिया गया है जिससे मुझ गरीब को अपूर्णीय छती हुई है एवं मुझ गरीब वृद्ध पर आजीविका आन पड़ी है। इतना कहते हुए शिकायत को स्वीकार कर पुसौर के तत्कालीन पटवारी सच्चिदानंद साहू, नूतन अग्रवाल, अनिल रतेरिया, अशोक सिदार, सेतराम बरपाली, खुशीराम चौहान इन सभी के विरुद्ध धारा 420 एवं अन्य वैधानिक धाराओं पर कार्यवाही करते हुए मुझ गरीब वृद्ध असहाय किसान का भूमी अवैध विक्रय की गई भूमि को वापस करवाने तथा आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी निवेदन किया गया है।

मामले में तत्कालीन पटवारी का कथन…


इस संबंध में हमने पटवारी से बात किया तो उन्होंने बताया कि जमीन मालिक वेदव्यास गुप्ता का पुत्र सुशील गुप्ता जमीन किराए पर देना है कहकर एग्रीमेंट के नाम पर जमीन का नक्शा, खसरा, बी 1 व चौहद्दी बनाकर मेरे द्वारा दिया गया है तथा 24/07/2021 को रामेश्वर द्वारा मुझे फोन पर बताया गया कि आपके द्वारा दी गई दस्तावेजों के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री हुई है तब मेरे द्वारा पुरे मामले की तफ्तीश करने पर फर्जीवाड़ा होना पाया गया इसलिए मैंने उक्त मामले की लिखीत सूचना दिनांक 26/07/2021 को तहसील कार्यालय पुसौर में दिया है।

गौरतलब हो कि उक्त मामले में पीड़ित के द्वारा पुसौर थाने में भी इस फर्जीवाड़ा की लिखीत शिकायत किया गया था. लेकिन उक्त मामले पुसौर थाने में किसी भी प्रकार की कार्यवाही न होते देख पीड़ित परिवार द्वारा आज जिले में नवपदस्थ व तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाते हुए लिखीत शिकायत की गई है।

बहरहाल अब यह देखना लाजिमी होगा कि इतनी बड़ी गंभीर मामले में कानून का शिकंजा किन किन रशुखदार जालसाजों पर कसती है? तथा प्रशासन द्वारा उक्त मामले में जांच करने पर कितने नामचीन हस्तियों का चेहरा बेनकाब किया जायेगा?

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