काबुल/नई दिल्ली । अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से तालिबान का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एक बार फिर धमाकों की गूंज से सहम उठी है। मंगलवार सुबह काबुल में राष्ट्रपति भवन पर हुए रॉकेट हमले ने सबके रौंगटे खड़े कर दिए। यह हमला उस वक्त हुआ, जब राष्ट्रपति अशरफ गनी बकरीद की नमाज में हिस्सा ले रहे थे।
अफगानिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार यह हमला सुबह 8 बजे के करीब हुआ। जिस जगह हुआ, वहां से राष्ट्रपति भवन बेहद करीब है। इस हमले को लेकर माना जा रहा है कि हमले का निशाना अफगानिस्तान में के राष्ट्रपति अशरफ गनी हो सकते थे।
प्रारंभिक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन और ग्रीन जोन के आसपास के इलाके में तीन रॉकेट दागे गए। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि अफगान की राजधानी काबुल के राष्ट्रपति भवन के पास कम से कम तीन रॉकेट से हमला बोला गया। ईद की नमाज के वक्त राष्ट्रपति भवन के पास काबुल में बाग-ए-अली मर्दन, चमन-ए-होजोरी क्षेत्रों में और मनाबे बशारी क्षेत्र में रॉकेट से हमला किया गया। बता दें कि लंबे वक्त से यहां सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच संघर्ष चल रहा है।
तेजी से कब्जा कर रहा है तालिबान
बता दें कि करीब दो दशक तक अफगानिस्तान में रहने के बाद अमेरिकी सेना स्वदेश लौट चुकी है, जिसके बाद से तालिबान तेजी से कब्जा करता जा रहा है। अमेरिकी और नाटो सैन्य टुकड़ियों की रवानगी के साथ ही खबरें आने लगीं कि जिस तालिबान को खत्म करने के लिए अमेरिका ने पश्चिमी देशों के साथ मिलकर युद्ध लड़ा, वह फिर अफगानिस्तान के कई हिस्सों में अपना कब्जा जमाना शुरू कर चुका है।
[metaslider id="347522"]