नई दिल्ली: गार्जियन अखबार में देश में इजरायली कंपनी पेगासस के जरिए निगरानी करने और सर्विलेंस करने की खबर का भारत सरकार ने खंडन किया है. सरकार ने विस्तार से दिए गए जवाब में सिलसिलेवार तरीके से अखबार में छापी गई कहानी को तथ्यहीन बताया है.
सरकार ने जवाब में कहा, ‘भारत एक मजबूत लोकतंत्र है. जो अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, इसने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को भी पेश किया है, ताकि व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की रक्षा की जा सके और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया जा सके.”
सरकार ने कहा, “मौलिक अधिकार के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की प्रतिबद्धता भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की आधारशिला है. हमने हमेशा खुले संवाद की संस्कृति पर जोर देते हुए एक जागरूक नागरिक प्राप्त करने का प्रयास किया है. हालांकि भारत सरकार को भेजे गए सवालों से संकेत मिलता है कि गढ़ी जा रही कहानी एक ऐसी है जो न केवल तथ्यों से रहित है, बल्कि पूर्व-कल्पित निष्कर्षों में भी स्थापित है. ऐसा लगता है कि आप एक अन्वेषक, अभियोजक और जूरी की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं.”
संसद में विस्तार से कहा है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा कोई अनधिकृत सर्विलांस नहीं किया गया है, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सरकारी एजेंसियों के पास सर्विलांस के लिए एक अच्छी तरह से स्थापित प्रोटोकॉल है, जिसमें केवल राष्ट्रीय हित में स्पष्ट कारणों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों में उच्च रैंक वाले अधिकारियों से मंजूरी और पर्यवेक्षण शामिल है.
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