नहर की तेज धार को नियंत्रित करेगा चार करोड़ का क्रास रेगुलेटर

कोरबा 12 जुलाई। शहर से होकर गुजरने वाली बायी तट नहर की सुरक्षा के लिए चार करोड़ की लागत से दो क्रास रेगुलेटर निर्माण किया जाएगा। अधिक बारिश के दौरान नहर के घुमावदार मोड़ में पानी के हिलोरों से नहर साइड वाल के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है। क्रास रेगुलेटर वह युक्ति है नहर के पानी की वेग को नियंत्रित करता है। अधिक मात्रा में बहने वाली जल धारा को डायवर्ट कर उसे नदी में छोड़ दिया जाता है। रेगुलेटर निर्माण के लिए रशियन हास्टल के निकट स्थल को चिंहांकित किया गया है। रेगुलेटर लगने से बारिश में नहर की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

अन्य स्थानों की आपेक्षा बाारिश के दौरान शहरी क्षेत्र से गुजरने वाली नहर को अधिक क्षति पहुंचती है। मरम्मत के दो से तीन साल के बीच करोड़ो खर्च हो जाते हैं। दर्री बराज से होकर निकलने वाली दायी तट नहर शहर के बीच से गुजरती है। नहर मार्ग में नमी और आवागमन के दबाव से खतरा बना रहता है। बारिश अधिक होने पर दर्री डैम के गेट व नदी के अलावा नहर से भी पानी छोड़ा जाता है। नहर मार्ग के अन्य जगहों की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में गुजरने वाला भाग भारी व छोटे वाहनों के चलने से कमजोर होता है। इससे निपटने डैम के गेट से 6.30 किलो मीटर की दूरी पर रशियन हास्टल के पास दो क्रास रेगुलेटर लगाया जाएगा। इसे उस जगह लगाया जाता हैए जहां नहर से नदी की दूरी कम हो जाती है। इससे नहर के पानी को आवश्यकतानुसार नदी में छोड़ दिया जाता है ताकि जल प्रवास सामान्य रहे। अब तक नहर के पानी बहाव को नियंत्रित शहर में सीतामढ़ी के निकट साइफन का निर्माण किया गया है। राताखार, पंपहाउस, तुलसी नगर क्षेत्र बारिश के दौरान संवेदनशील रहता है। ऐसे में घुमावदार जल प्रवाह से नहर के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम होगी। रेगुलेटर स्थापित करने के लिए जल संसाधन निर्माण एजेंसी बनाया गया है। बारिश के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।

हसदेव नदी पर 14 करोड़ की लागत पुल का निर्माण सात साल पहले किया जा चुका है। प्रगति नगर दर्री से पुल के पहले छोर तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा होने से भारी वाहनों का आवगमन शुरू हो गया। गेरवाघाट पुल से राताखार तक नहर मार्ग को इन दिनों चौड़ीकरण किया जा रहा है। नहर और नदी के बीच में घनी आबादी है। भारी वाहनों के चलने से नहर मार्ग में अधिक दबाव बना रहता है। समय रहते क्रास डायवर्ट नहीं लगाने पर बारिश के दौरान न केवल नहर के क्षतिग्रस्त होने की संभावना है बल्कि बस्ती में बरसाती पानी घुसने का खतरा है।

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