सांसे हो रही कम, आओ पेड़ लगाएं हम। इस थीम पर वन विभाग के द्वारा वर्षा काल में वृहद पौधारोपण करने का काम किया जा रहा है। कुफ कुकरीचोली गांव से इसकी शुरुआत की गई। यहां पर पौधे लगाने के साथ बीजों का छिड़काव धरती पर किया गया। संयुक्त रुप से 65 हजार पौधे इस योजना से लगाने पर काम होगा। आम लोगों से भी अपनी भागीदारी करने का आग्रह है वन विभाग ने किया है।
सभी तरह के प्राणियों की जरूरत को पूरा करने के मामले में प्रकृति अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं पेड़ पौधों से ना केवल ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है बल्कि से अनेक स्तर पर जीवन को संवारने का काम किया करते हैं इसलिए हर तरफ प्रकृति संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है ऐसे कार्यों को बढ़-चढ़कर करने पर फोकस बना हुआ है कोरोना कालखंड में ऑक्सीजन की महत्ता जिस तरह से साबित हुई है उसने देश और दुनिया के लोगों को बता दिया है कि पेड़ पौधों के बिना जीवन की कल्पना की जानी मानी है सांसो की कीमत को समझने के साथ वर्षा काल में वन विभाग के द्वारा बड़े पैमाने पर पौधों का रोपण किया जा रहा है
इसके लिए एक अभियान की शुरुआत की गई है कोरबा वन मंडल के अंतर्गत कुकड़ीचोली गांव में विभाग ने कार्यक्रम करने के बाद इसे प्रारंभ किया वन विभाग के कर्मचारियों और ग्रामीणों अपने यहां पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई इस दौरान पौधों का रोपण करने के साथ बीज का छिड़काव भी किया गया वन मंडल अधिकारी प्रियंका पांडे ने बताया कि प्रकृति को संभालने के लिए कार्यक्रम किए जा रहे हैं इसके अंतर्गत 50000 पौधे लगाए जाएंगे और 15000 बीज का छिड़काव किया जाएगा। वन मंडल अधिकारी ने बताया कि मानव पर प्रकृति ने बहुत सारे उपकार किए हुए हैं इसलिए उसके संरक्षण के लिए जरूरी कोशिश की जानी चाहिए।
हर वर्ष बारिश के मौसम में लाखों की संख्या में पौधे रोपने का काम किया जाता है इसके साथ ही इनके संरक्षण का संकल्प भी दोहराया जाता है यह बात अलग है कि अलग-अलग कारणों से बहुत सारे पौधे समाप्त हो जाते हैं जबकि परिस्थितियों का सामना करने में सफल रहने वाले उन्हें अपना अस्तित्व बचाए रख पाते हैं अबकी बार जिस संख्या में पौधे का रोपण वसुंधरा के सिंगार के लिए किया जा रहा है वह अगले सीजन तक मौके पर मौजूद भी रहे इसकी चिंता भी वन विभाग को करना चाहिए
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