रायपुरः देश में पहली बार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मजदूरों के लिए काम करने वाले संगठन का लॉकडाउन में मजदूरों को हुई परेशानी को लेकर जनता की अदालत लगाएंगे. सरकारी संगठन अंबिकापुर के चौपाल, दिल्ली के नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया और बंगलुरु के सोक्रेट्स फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत 12 जुलाई से होगी. तकरीबन 4 दिनों तक चलने वाले जनता की अदालत कार्यक्रम का समापन 16 जुलाई को होगा. इसमें राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री पंचायत और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और खाद्यमंत्री अमरजीत भगत शामिल मुख्य रूप से शामिल होगे.
जानकारी के अऩुसार इस कार्यक्रम में लॉकडाउन में मजदूरों को हुई परेशानी से जनता के साथ साथ राज्य सरकार को अवगत कराएंगे. इसके साथ ही एक पारदर्शी एवं व्यापक सर्वे के आधार पर ज्यूरी के लिए मजदूर चयनित किए हैं. जिसमें मुख्य बिंदुओं पर गहन चिंतन-मनन होगा. जिसमें नीति आयोग के अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल रहेंगे. ये मंच आगे चलकर दूसरे राज्यो में भी कार्यक्रम कराएगा. जिससे नीति आयोग को कानून बनाने में मदद मिलेगी.
इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
-क्या उनकी राजनीतिक भागीदारी एक पॉलिटिकल फोर्स के रूप में सुनिश्चित की जा सकती है?
-क्या प्रवासी मजदूरों के लिए उनके रहवास क्षेत्र या जहां वे काम करते हैं वहां लिए काम, सुरक्षा, राशन-पानी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था की जा सकती है?
-क्या उनके लिए सामाजिक सुरक्षा एवं आवासीय योजना का लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है?
-क्या उनकी राजनीतिक भागीदारी एक पॉलिटिकल फोर्स के रूप में सुनिश्चित की जा सकती है?
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