श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि उत्सव की जा रही तैयारियां

बिलासपुर 10 जुलाई (वेदांत समाचार) श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि उत्सव 11 जुलाई 2021 से 18 जुलाई 2021 तक हर्षोल्लास के साथ श्रद्धा पूर्वक मनाया जाएगा। गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर मांँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक,श्रीमहाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, राजराजेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी देवी का श्री सूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक किया जाएगा। श्री नर्मदा सहस्त्रनाम पाठ,बगलामुखी देवी मंत्र जाप ब्राह्मणो द्वारा किया जाएगा।

आचार्य श्री पं.दिनेश चन्द्र पाण्डेय जी महराज ने बताया कि
देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली,तारा,षोडशी,त्रिपुरभैरवी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता,धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।जिस प्रकार शिव के दो रूप होते हैं एक शिव तथा दूसरा रूद्र।उसी प्रकार भगवती के भी दूर रूप हैं एक काली कुल तथा दूसरा श्री कुल। काली कुल आक्रमकता का प्रतीक होती हैं और श्रीकुल शालीन होती हैं। काली कुल में महाकाली, तारा, छिन्नमस्ता और भुवनेश्वरी हैं। यह स्वभाव से उग्र हैं। श्री कुल की देवियों में महा-त्रिपुर सुंदरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला हैं। धूमावती को छोड़कर सभी सौंदर्य की प्रतीक हैं।गुप्त नवरात्रि से जुड़ी प्रामाणिक एवं प्राचीन कथा है कि एक समय ऋषि श्रृंगी भक्तजनों को दर्शन दे रहे थे। अचानक भीड़ से एक स्त्री निकलकर आई और करबद्ध होकर ऋषि श्रृंगी से बोली कि मेरे पति दुर्व्यसनों से सदा घिरे रहते हैं जिस कारण मैं कोई पूजा-पाठ नहीं कर पाती। धर्म और भक्ति से जुड़े पवित्र कार्यों का संपादन भी नहीं कर पाती यहां तक कि ऋषियों को उनके हिस्से का अन्न भी समर्पित नहीं कर पाती। मेरा पति मांसाहारी हैं, जुआरी है, लेकिन मैं मां दुर्गा की सेवा करना चाहती हूं, उनकी भक्ति-साधना से अपने और परिवार के जीवन को सफल बनाना चाहती हूं।ऋषि श्रृंगी महिला के भक्तिभाव से प्रभावित हुए। ऋषि ने उस स्त्री को आदरपूर्वक उपाय बताते हुए कहा कि वासंतिक और शारदीय नवरात्रों से तो आम जनमानस परिचित है, लेकिन इसके अतिरिक्त 2 नवरात्र और भी होते हैं जिन्हें ‘गुप्त नवरात्रि’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रकट नवरात्रों में 9 देवियों की उपासना होती है और गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है।ऋषि श्रृंगी ने स्त्री को आगे बताया कि अगर कोई लोभी स्वभाव वाला मांसाहारी मानव भी गुप्त नवरात्रि में सच्चे मन से मां की अर्चना करें तो उससे भी मां प्रसन्न होकर इसके जीवन में खुशहाली लाती हैं और विशेष मनोकामना पूर्ण करती हैं. ध्यान रहे कि इस पूजा के बारे में ज्यादा किसी से भी चर्चा न की जाए. ऋषि श्रृंगी के बताए इस उपाय को सुन स्त्री बेहद प्रसन्न हो गई और उनसे कथन अनुसार ही पूरी श्रद्धा से गुप्त नवरात्रि में मां की आराधना की।

श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद,शास्त्रार्थ, मुकदमें में विजय प्राप्त करने के लिए, कोई अकारण अत्याचार कर रहा हो तो उसे रोकने, सबक सिखाने, असाध्य रोगों से छुटकारा पाने ,बंधन मुक्त, संकट से उद्धार, उपद्रवो की शांति, ग्रह शांति, संतान प्राप्ति आदि के लिए विशेष फलदाई है। बगलामुखी देवी की उपासना में विशेष रुप से पीला फूल, पीला फल ,पीला वस्त्र का प्रयोग किया जाता है।

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