रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी स्कूल संचालकों का दावा है कि उन्होंने जो सर्वे किया है, उसके मुताबिक लगभग पालक स्कूल संचालन के लिए राजी हैं। पालक चाहते हैं कि स्कूल खोला जाए और बच्चों की पढ़ाई को निरंतर किया जाए। यह भी कहा जा रहा है कि बीते डेढ़ साल से स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है, जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक निजी स्कूलों ने 12 जिलों में संचालित 50 स्कूलों के बच्चों के घरों पर जाकर पालकों से चर्चा की है। इन निजी स्कूल संचालकों का पुख्ता दावा है कि जिनके बच्चे कक्षा 6 अथवा ऊपरी कक्षाओं के हैं, वे चाहते हैं कि इन संभली हुई परिस्थितियों में स्कूलों को खोला जाना चाहिए, ताकि बच्चों की पढ़ने की आदत यथावत हो जाए।
यहां पर सबसे ज्यादा मुश्किल की बात यह है कि बच्चे बड़े तो हो रहे हैं, लेकिन नियमित अध्ययन और अध्यापन नहीं होने की वजह से उनकी दशा और दिशा भटकने लगी है। दूसरी तरफ बच्चे घर पर खेल में ज्यादा वक्त बीता रहे हैं, साथ ही मोबाइल और इंटरनेट की वजह से उनका ध्यान भटकने लगा है। साथ ही बच्चों में चिड़चिड़ाहट भी भरने लगी है।
निजी स्कूल संचालकों का दावा है कि इस तरह की तमाम बातों की जानकारी सर्वे के दौरान उन्हें हासिल हुई है, जैसा पालकों से सुनने और जानने में आया है। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार कोरोना वायरस को लेकर अभी भी सशंकित है। सरकार नहीं चाहती कि बीते दो लहरों के दौरान जिस तरह के हालात सामने आए हैं, स्कूलों को खोलने के बाद परिस्थितियां वैसी ही हो जाए। इस वजह से सरकार ने इस पर फिलहाल किसी तरह का फैसला लेना उचित नहीं समझा है।
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