कोरबा 09 जुलाई (वेदांत समाचार)।पिछले करीब दो महीने से शहर में बिजली बिल के वितरण की व्यवस्था बेपटरी हो गई है। हजारों उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं मिलने की शिकायत है और जिन्हें बिल मिला उनमें बेहिसाब त्रुटियां हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है कि मीटर रीडिंग लिये बिना अनाप-शनाप बिल भेजे जा रहे हैं। अब बिल ठीक कराने के लिए बड़ी संख्या में उपभोक्ता कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में 2 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं। अधिकतर उपभोक्ताओं को इस महीने बिल नहीं मिला है। इनमें पेनॉल्टी से बचने के लिए लोग महकमे में जाकर खुद बिल बनवाकर जमा कर रहे हैं।
हजारों उपभोक्ता के बिजली बिल में त्रुटियां हैं। इनमें से ज्यादातर की पिछले महीने की तुलना में अधिक बिल आने की शिकायत है। बिल पिछले महीनों की तुलना में तीन गुना से अधिक आया है। बिल ठीक कराने आने वाले उपभोक्ता मीटर रीडिंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि बिल में मीटर रीडिंग दर्शाई नहीं गई तो कुछ बिलों में तारीख का जिक्र नहीं है। बिजली विभाग कार्यालय में ऐसी शिकायतों की भरमार है।
उपभोक्ताओं की परेशानी उनकी जुबानी
सब्जी बेचकर गुजर-बसर करने वाले कोरबा क्षेत्र के रहने वाले सन्नी शुक्रवार को अपना बिल ठीक कराने बिजली विभाग कार्यालय पहुंचे। सन्नी ने बताया कि पिछला बिल सात हजार रुपये था, इस बार दस हजार से ज्यादा आया है। जबकि, बिल कम होना चाहिए था। क्योंकि, अब पंखे, कूलर, फ्रिज बंद हो गए हैं। अब घर में केवल आठ सीएफएल बल्ब जलाते हैं और बिल इतना ज्यादा आ गया। उन्हें अंदेशा है कि मीटर चेक किए बिना ही रीडिंग दर्ज कर दी गई।
शहर के ईश्वर प्रसाद बताते हैं कि पिछले तीन महीने से दुकान का बिल नहीं आ रहा है। घर का बिल मिला, लेकिन उसमें न तो मीटर रीडिंग दर्शाई गई और न ही उस पर तारीख दर्ज है। वे यहां दफ्तर मेें खुद बिल बनवाने आए हैं, ताकि जुर्माना राशि से बचा जा सके। ईश्वर प्रसाद ने बताया कि बिल में रीडिंग की संख्या गायब होने के बावजूद बिल भेज दिया गया।
नंदलाल मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। नंदलाल , जब अमूमन सात-आठ सौ रुपये आने वाला बिजली का बिल इस बार 3465 रुपये पर पहुंच गया। कार्यालय में पहुंचकर कर्मचारियों से बिल ठीक करने को कहा, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। यह सोच कर परेशान हैं कि इतनी बड़ी राशि वे कैसे चुकाएंगे।
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