CBSE सत्र-2021-22 की नई असेसमेंट स्कीम से बच्चे तनावमुक्त होकर दे पाएंगे एक्जाम – डॉ. संजय गुप्ता

सीबीएसई हर प्रकार की विकट परिस्थितियों और महामारी में भी उत्तम नतीजे देने को तैयार-डॉ. संजय गुप्ता

सीबीएसई 10 वीं, 12 वीं, सत्र 2021-22 की नई परीक्षा एवं असेसमेट स्कीम विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद है-डॉ. संजय गुप्ता ।

दो टर्म में 50-50 प्रतिशत सिलेबस से परीक्षार्थी लाभान्वित होंगें -डॉ. संजय गुप्ता ।

कोरोना की तीसरी लहर में निपटने के लिए सीबीएसई ने कक्षा 9 वीं से 12 वीं के लिए बनाई स्पेशल स्कीम-डॉ. संजय गुप्ता ।

कोरबा 6 जुलाई (वेदांत समाचार) केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए बड़ा बदलाव किया है । विकट परिस्थितियों तथा कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सीबीएसई ने स्पेशल स्कीम तैयार की है । जिसके तहत सत्र 2021-22 बैच के लिए बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी । टर्म -1 और टर्म-2 के नाम से ली जाने वाली परीक्षा 50-50 प्रतिशत सिलेबस की होगी । यानि 50 प्रतिशत सिलेबस सिर्फ टर्म-1 में और बाकी बचे 50 प्रतिशत सिलेबस सिर्फ टर्म-2 में आएँगें । ऑनलाइन पढ़ाई के हिसाब से सिलेबस में भी कुछ कटौती की गई है । जिससे बच्चे तनावमुक्त होकर परीक्षा दे सकेंगें और अच्छा स्कोर कर पाएँगें । विद्यार्थियों के इंटरनल असेसमेंट को विश्वसनीय और वैध बनाने के लिए सीबीएसई द्वारा सर्कुलर जारी किए गए हैं । जिसमें कक्षा नवमीं एवं दसवीं के लिए तीन पीरियोडिक टेस्ट, स्टूडेंट एनरिचमेंट टेस्ट, पोर्टफोलियो, श्रवण और वाचन क्रियाकलाप और प्रोजेक्ट वर्क शामिल होंगें । इसी तरह कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के लिए प्रत्येक चेप्टर के बाद यूनिट टेस्ट, प्रेक्टिकल वर्क व प्रोजेक्ट वर्क शामिल होंगें ।


इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि सत्र 2021-22 के बोर्ड परीक्षा के लिए यह स्कीम सर्वोत्तम है । दो टर्म में परीक्षा होने से विद्यार्थियों का भार कम होगा क्योंकि टर्म-1 के 50 प्रतिशत सिलेबस टर्म-2 की परीक्षा में नहीं आएगी । टर्म-2 के लिए सिर्फ बचे हुए 50 प्रतिशत सिलेबस की परीक्षा देनी होगी । इससे विद्यार्थी तनावमुक्त होकर परीक्षा दे पाएँगें और अच्छे अंक ला पाएंगें । टर्म-1 की परीक्षा विद्यार्थियों के लिए एक नया अनुभव होगा क्योंकि यह परीक्षा ओएमआर सीट पर आधारित होगी । सभी प्रश्न मल्टीपल च्वाइस प्रश्न होगा जिसका उत्तर ओएमआर सीट पर देनी होगी। इस तरह उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का अनुभव होगा ।

टर्म-1 की परीक्षा कैसा होगा?-
टर्म-1 की परीक्षा नवंबर-दिसंबर के बीच लिया जाएगा । यह परीक्षा बाहृय परीक्षा जैसी होगी । परीक्षा में सभी (मल्टीपल च्वाइस प्रश्न) बहुवैकल्पिक प्रश्न होंगें । प्रत्येक पेपर 90 मिनट का होगा और ओएमआर शीट पर उत्तर देनी होगी । प्रश्न पत्र सीबीएसई द्वारा भेजा जाएगा । परीक्षा सेंटर उसी स्कूल में ही होगा जहाँ विद्यार्थी पढ़ रहे हैं । लेकिन परीक्षा की निगरानी के लिए सीबीएसई बोर्ड द्वारा एक्सटर्नल सेंटर सुप्रीडेंट्स और आब्जर्वर्स नियुक्त किए जाएंगें । ओएमआर सीट को स्केन करके सीबीएसई के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा ।

टर्म-2 की परीक्षा कैसा होगा?-
टर्म-2 की परीक्षाएँ मार्च-अप्रैल 2022 में होगी । प्रत्येक पेपर 2 घंटे का होगा इसमें अलग-अलग तरह के सवाल पूछे जाएँगें यानि मल्टीपल च्वाइस प्रश्न, लघुत्तरीय प्रश्न, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगें । अगर कोरोना के कारण परिस्थितियाँ सामान्य नहीं रही तो टर्म-2 की परीक्षाएँ भी टर्म-1 की तरह लिया जाएगा । टर्म-1 और टर्म-2 के मार्क्स स्टूडेंट के ओवर ऑल बोर्ड से जुड़ेगे।

इंटरनल असेसमेंट के लिए नया पॉलिसी-
टर्म-1 और टर्म-2 के अलावा पूरे सालभर का इंटरनल असेसमेंट भी लिए जाते हैं । जिसमें निम्न बातें आवश्यक है-
कक्षा नवमीं एवं दसवीं के लिए- तीन पीरियोडिक टेस्ट, स्टूडेंट एनरिचमेंट टेस्ट, पोर्टफोलियो, श्रवण और वाचन क्रियाकलाप और प्रोजेक्ट वर्क शामिल होंगें ।

कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के लिए- प्रत्येक चेप्टर के बाद यूनिट टेस्ट, प्रेक्टिकल वर्क व प्रोजेक्ट वर्क शामिल होंगें ।

हर परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है सीबीएसई –
कोरोना की तीसरी लहर कैसे होने वाली है यह किसी को पता नहीं । इन सभी अनिश्चितताओं को देखते हुए सीबीएसई ने चार तरह की परिस्थितियों के लिए रिजल्ट का फॉमूर्ला बनाया है ।

यदि दोनों टर्म परीक्षाओं के लिए स्कूल खुल पाएं- यदि कोरोना महामारी की स्थितियों में सुधार आया तो टर्म-1 और टर्म-2 दोनों ही परीक्षाएं स्कूल या परीक्षा केन्द्र पर आयोजित होगी । अंतिम नतीजों में दोनों टर्म के अंको का बराबर(50ः50) योगदान माना जाएगा ।

यदि टर्म-1 में स्कूल बंद रहें, टर्म-2 के लिए खुलें- स्कूल न खुलें तो टर्म-1 की परीक्षा ऑफलाइन या ऑनलाइन घरों से होगी । टर्म-2 की परीक्षा तक स्कूल खुलें तो परीक्षा पारंपारिक तरीके से होगी। अंतिम नतीजों में टर्म-1 के अंको का वेटेज कम कर दिया जाएगा ।

यदि टर्म-1 स्कूल में हों, टर्म-2 में स्कूल न खुल सकें-
यदि टर्म-1 की परीक्षा तो स्कूल में हो लेकिन महामारी की परिस्थितियों के चलते मार्च-अप्रैल तक स्कूल लगातार ही बंद रहे तो टर्म-2 के पेपर नहीं होंगें । टर्म-1 और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट बनेगा ।

यदि टर्म-1 और टर्म-2 दोनों में ही स्कूल बंद रहें- यदि पूरे सत्र के दौरान स्कूल एक भी दिन नहीं खुल पाए । ऐसी स्थिति में टर्म-1 और टर्म-2 दोनों ही परीक्षाएं छात्र घर से देंगें । दोनों टर्म के अंको के साथ आंतरिक मूल्यांकन के अंक जोड़कर रिजल्ट तैयार होगा ।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]