05 जुलाई (वेदांत समाचार) छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के पांच सौ मेगावाट की दो यूनिट बंद पड़े हैं। इसके कारण कंपनी की अपनी बिजली का उत्पादन डेढ़ हजार मेगावाट के आसपास ही हो रहा है। इस समय खपत साढ़े तीन हजार मेगावाट होने से आपूर्ति करने के लिए सेंट्रल सेक्टर का सहारा लेना पड़ रहा है। यहां से दो हजार से 22 साै मेगावाट तक बिजली लेकर प्रदेश को राेशन किया जा रहा है।
रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के पांच सौ मेगावाट की दो यूनिट बंद पड़े हैं। इसके कारण कंपनी की अपनी बिजली का उत्पादन डेढ़ हजार मेगावाट के आसपास ही हो रहा है। इस समय खपत साढ़े तीन हजार मेगावाट होने से आपूर्ति करने के लिए सेंट्रल सेक्टर का सहारा लेना पड़ रहा है। यहां से दो हजार से 22 साै मेगावाट तक बिजली लेकर प्रदेश को राेशन किया जा रहा है। बंद यूनिटों को ठीक करने की कवायद चल रही है। पॉवर कंपनी के पास बिजली की कोई कमी नहीं है। उसका अपना उत्पादन ही करीब तीन हजार मेगावाट हो जाता है। इसी के साथ सेंट्रल सेक्टर से दो हजार मेगावाट का शेयर है। लारा के 800 मेगावाट के यूनिटों से करीब चार सौ मेगावाट बिजली मिल जाती है। इसी के साथ अन्य निजी प्लांटों से भी लागत मूल्य में पांच फीसदी बिजली मिलती है। ऐसे में कंपनी के पास छह हजार मेगावाट के आसपास बिजली हो जाती है। जब कंपनी का अपना उत्पादन भरपूर होता है, तब सेंट्रल सेक्टर से कम बिजली ली जाती है, लेकिन जब किसी यूनिट में खराबी आती है, तब सेंट्रल सेक्टर से ज्यादा बिजली लेकर पूर्ति करने का काम होता है।
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