डिजिटल मीडिया आचार संहिता का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखना : विक्रम सहाय

नई दिल्ली । केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021 का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखते हुए ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री को गुणवत्ता के स्तर पर बनाये रखना है। पत्र सूचना कार्यालय पश्चिम क्षेत्र द्वारा डिजीटल मीडिया आचार संहिता 2021 पर एक विशेष वेबिनार को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने यह बात कही । इस वेबिनार में आचार संहिता के भाग 3 से जुड़े प्रावधानांे के बारे में जानकारी देते हुए श्री सहाय ने बताया कि आचार संहिता का उद्देश्य किसी को दंडित करना नही है, उन्होनंे बताया कि पिछले कुछ वर्षो मंें डिजिटल मीडिया की भूमिका काफी बड़ी है और पिछले 6 वर्षो में इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल 43 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। उन्होने बताया कि ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित की जाने वाली सामग्री को लेकर शिकायते मिल रही थी जिसके मद्देनजर डिजिटल मीडिया आचार संहिता बनायी गयी है। इसके तहत न्यूज पोर्टल या ओटीटी प्लेटफार्मस पर काम कर रहे लोगों के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सामान्य जानकारी एकत्रित करेगा। श्री विक्रम सहाय ने बताया कि इन प्लेटफार्म पर भी देश के मौजूदा कानून लागू होंगे और इसका उद्देश्य ऐसी सामग्री के प्रसारण पर रोक लगाना है जो मौजूदा कानूनों को उल्लंघन करने के साथ-साथ महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक और बच्चों के लिए नुकसानदेह है, इसके लिए समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफार्म और कार्यक्रम प्रसारकों को अपने यहां एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और इन शिकायतों की जानकारी भी प्रदर्शित करनी होगी। इसके साथ ही समाचार प्रकाशकों को एक नियामक संस्था का सदस्य भी बनना होगा ताकि कार्यक्रम से संबंधित शिकायतों का निपटारा हो सके। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एक अन्तर मंत्रालय समिति का गठन करेगा जोे समाचार प्रकाशक या नियामक संस्था द्वारा न सुलझायी गयी शिकायतों का निपटारा करेगा।

इस समिति मे महिला एवं बाल विकास, गृह, कानून, सूचना प्रद्यौगिकी, विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ डोमेन एक्सपर्ट भी शामिल होंगे। श्री सहाय ने बताया कि अब तक 1500 से अधिक समाचार प्रकाशकों ने मंत्रालय को अपने बारे में सूचना दी है। उन्हांेने बताया कि मंत्रालय किसी भी न्यूज पोर्टल या ओटीटी पोर्टल का पंजीकरण नही कर रहा है बल्कि इनके बारे में जानकारी जुटाने का उद्देश्य यह है कि कार्यक्रम के बारे में कोई शिकायत मिलने पर उनसे सम्पर्क किया जा सके । उन्होने कहा कि इससे छोटे और मझोले स्तर के समाचार पोर्टल पर कोई विपरीत प्रभाव नही पडे़गा। श्री सहाय ने कहा कि इस आचार संहिता का उद्देश्य समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्रस्तुतकर्ताओं को उन नियमों और मर्यादाओं के बारे में जागरूक करना है, जिनके पालन से देश की एकता, अखंडता एवं सौहार्द कायम रह सके।


पत्र सूचना कार्यालय, जयपुर, भोपाल और रायपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस वेबिनार में राजस्थान, मघ्यप्रदेश और छत्तीसगढ के प्रमुख समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफार्म पर काम कर रहे निर्माताओं व निर्देशकांे के साथ-साथ वरिष्ठ पत्रकार एवं पत्रकारिता के अघ्ययन से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे है। वेबिनार में जाने-माने कलाकार राजा बुन्देला के अलावा पत्रकारिता विभागों के संकाय सदस्यों ने भाग लिया। विक्रम सहाय ने इस विषय पर उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिये। वेबिनार में एएफटी यूनिवर्सिटी मीडिया एवं आर्टस, कुशाभाउ ठाकरे विश्वविद्यालय रायपुर, एमिटी यूनिवर्सिटी जयपुर व रायपुर, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, जयपुर, रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यलय भोपाल, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी भोपाल, एशियन स्कूल आॅफ मीडिया स्टेडीज नोयडा एवं रोंकेल मीडिया एजूकेशन एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट मुम्बई आदि विश्वविद्यालयों एवं पत्रकारिता व कार्यक्रम निर्माण से जुड़ी संस्थाओं ने भाग लिया। वेबिनार के अन्त में पत्र सूचना कार्यालय, भोपाल के अपर महानिदेशक प्रशान्त पाथराबेे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार का संचालन प्रादेशिक लोक सम्पर्क ब्यूरो की निदेशक श्रीमती ऋतु शुक्ला ने किया।

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