बिलासपुर,11 फ़रवरी 2025 (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) बिलासपुर में एक महिला चिकित्सक ने मेडिसिन विभाग के प्रमुख (HOD) पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने शिकायत में अनुचित व्यवहार, मानसिक उत्पीड़न और शारीरिक अस्वीकृति का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
महिला डॉक्टर का आरोप और फेडरेशन की प्रतिक्रिया
पीड़ित महिला डॉक्टर, जो कि एमडी मेडिसिन द्वितीय वर्ष की पोस्ट ग्रेजुएट रेसिडेंट हैं, ने मेडिसिन विभाग के HOD डॉ. पंकज टेंभूर्निकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने पिछले आठ महीने से लगातार मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया।
महिला चिकित्सक ने बताया कि जब वह आपातकालीन ड्यूटी पर थीं, तब डॉ. टेंभूर्निकर ने उनका मोबाइल फोन छीनकर फेंक दिया। इसके अलावा, उन्होंने मौखिक दुर्व्यवहार और अनुचित स्पर्श किए जाने का भी आरोप लगाया है। पीड़िता ने कहा कि इन घटनाओं के कारण वह गंभीर मानसिक तनाव में हैं और उनका कार्य प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा और मामले की निष्पक्ष जांच एवं उचित कार्रवाई की मांग की है। फेडरेशन ने यह भी कहा कि यदि त्वरित कार्रवाई नहीं होती है, तो वे कानूनी कदम उठाने को बाध्य होंगे।
CIMS प्रशासन की प्रतिक्रिया और उठाए गए कदम
इस गंभीर मामले के सामने आने के बाद CIMS प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 6 फरवरी को एक आपात बैठक बुलाई। बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए:
डॉ. अमित कुमार ठाकुर को पीजी स्टूडेंट्स का रोस्टर, उपस्थिति, वर्कबुक एवं लॉग बुक का प्रभारी नियुक्त किया गया। सभी पीजी छात्र अब सीधे HOD से संपर्क न करके डॉ. ठाकुर से मार्गदर्शन लेंगे।
डॉ. पंकज टेंभूर्निकर को विश्वविद्यालय की परीक्षाओं से अलग रखा गया है, क्योंकि कुछ पीजी रेसिडेंट उनके रिश्तेदार हैं।
महिला पीजी रेसिडेंट द्वितीय वर्ष को मेडिसिन विभाग के HOD की यूनिट में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी।
इस मामले की जांच जारी है और डॉक्टर्स फेडरेशन उचित न्याय की मांग कर रही है।