नई दिल्ली । इस्पात विभाग के सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि देश को वर्ष 2030 तक 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।
श्री पौंड्रिक ने वाणिज्य संगठन इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के एक कार्यक्रम में इस्पात उद्योग की बढ़ती मांग और आवश्यक निवेश पर प्रकाश डालते हुए कहा, भारत में इस्पात की मांग वर्ष 2030 तक 30 करोड़ टन और वर्ष 2047 तक 70-80 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। आईसीसी ने सोमवार को विज्ञप्ति जारी कर इस आशय की जानकारी दी है।
सचिव ने कहा कि इस्पात क्षेत्र के सतत विकास के लिए तीन प्रमुख प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके तहत अगले छह वर्षों में 10 करोड़ टन इस्पात उत्पादन बढ़ाकर आयात निर्भरता को कम करना, हाइड्रोजन आधारित उत्पादन जैसी कम कार्बन प्रौद्योगिकियों को अपनाना, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों को पूरा किया जा सके तथा घरेलू इस्पात उद्योग की लागत प्रभावशीलता सुनिश्चित कर उद्योग के मार्जिन और पुनर्निवेश को बढ़ाना शामिल है।
इसके अलावा उन्होंने इस्पात उद्योग में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक को अपनाने, गुणवत्ता मानकों को सुदृढ़ करने और कच्चे माल की आपूर्ति के लिए स्लरी पाइपलाइनों को विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।