- मंत्री मैडम की पहल से इस जिले का जुड़ा नाम, जानें अब कैसे होगा काम
रायपुर -कोरबा, 29 जनवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के सवा साल के बाद आखिरकार पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत रेडी टू ईट फूड निर्माण को लेकर स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों का 4 साल का लंबा इंतजार चरणबद्ध रूप से समाप्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है। बजट सत्र में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होने होने से ठीक पहले महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुरुआती दौर में घोषणानुरूप 6 जिलों में रेडी टू ईट फूड का निर्माण का दायित्व सक्षम महिला स्व सहायता समूहों को सौंप दिया है।
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से कोरबा रायगढ़ ,बस्तर ,दंतेवाड़ा ,बलौदाबाजार एवं मंत्री के गृह जिले सूरजपुर में स्थानीय समूह रेडी टू ईट के संचालन की बागडौर संभालेंगे । आचार संहिता समाप्त होने के उपरांत विस्तृत दिशा निर्देश आते ही समूह चयन मापदंड संबंधी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग के हफ्ते भर पूर्व जारी इस विभागीय पत्र के वायरल होते ही संबंधित जिले के सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के सदस्य अभी से उत्साहित हैं।
यहां बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 6 माह से 6 वर्ष के नोनिहालों ,किशोरियों,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण के लिए कार्य किया जा रहा है। 1 फरवरी 2022 के पूर्व स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत रेडी टू ईट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा था। गेहूं ,सोया ,चना ,मूंगफली मिश्रित पौष्टिक पोषण आहार रेडी टू ईट 3 वर्ष तक के बच्चों ,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए प्रत्येक मंगलवार को दिए जाने का प्रावधान है ताकि उन पर कुपोषण की काली छाया न पड़े ,कुपोषित हितग्राही इसके दायरे से बाहर निकल सकें।
24 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ शासन ने द्वारा कैबिनेट में लिए गए निर्णय अनुसार 1 फरवरी 2022 फरवरी से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के माध्यम से स्वचलित मशीनों के माध्यम से रेडी टू ईट का उत्पादन करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाईन का हवाला दिया है जिसमें मानव स्पर्श रहित गुणवत्ता युक्त आवश्यक पोषक तत्वों से भरे रेडी टू ईट बच्चों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया था। हालांकि सरकार के इस फैसले से पिछले करीब डेढ़ दशक से रेडी टू ईट का निर्माण कर रहीं स्व सहायता समूह के हाथों से रोजगार छीन गया था । 20 हजार से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर इससे प्रभावित हुईं थी ।लाखों रुपए कर्ज लेकर विषम परिस्थितियों में भी स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने योजना का सुचारू संचालन किया। शासन के फैसले के खिलाफ कवर्धा ,कोरबा ,सूरजपुर सहित कई जिलों में रैली निकाल कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध जताया गया था ।
राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम आदेश को वापस लेने ज्ञापन सौंपा गया। विपक्षी दल भाजपा भी सत्ता पक्ष के इस निर्णय को लेकर हमलावर रही। सदन में हंगामा व बहिर्गमन तक किया गया। वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च तक रेडी टू ईट के लिए वर्तमान प्रचलित व्यवस्था का विस्तार कर दिया था। 1 अप्रैल 2022 से पूर्ण से छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम रायपुर की स्थापित यूनिट को कार्य सौंप दिया गया था। विधानसभा चुनाव में भी रेडी टू ईट का दायित्व चरणबद्ध रूप से स्थानीय महिला स्व सहायता के सुपुर्द करने की बात कही गई थी। लिहाजा बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 5 जिलों में रेडी टू ईट फ़ूड का दायित्व स्थानीय पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के हवाले करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणानुरूप आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले 20 जनवरी 2025 को सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन शम्मी आबिदी ने पूरक पोषण आहार योजनांतर्गत रेडी टू ईट निर्माण व वितरण का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम रायपुर की स्थापित यूनिट की जगह 5 जिलों में रेडी टू ईट के निर्माण हेतु फर्म एंड सोसायटी के तहत पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों को सौंप दिया है।
परियोजना स्तर पर यूनिट होगी स्थापित
भाजपा शासनकाल में ही करीब दो दशक पूर्व शुरू की गई पूरक पोषण आहार योजनांतर्गत रेडी टू ईट निर्माण व वितरण का कार्य सेक्टरवार पंजीकृत स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों को सौंपा गया था। जिसमें सेक्टवार स्थापित यूनिट के सतत रूप से निरीक्षण ,मॉनिटरिंग सुनिश्चित नहीं हो पा रही थी। जिसे देखते हुए इस बार साय सरकार परियोजना स्तर पर रेडी टू ईट फूड निर्माण इकाई का दायित्व देने जा रही है। स्पष्ट है कि मानव स्पर्श रहित स्व चलित मशीनों से ही रेडी टू ईट तैयार होगी ,ऐसे यूनिट प्रत्येक परियोजना में एक -एक यूनिट स्थापित की जाएगी।
मंत्री मैडम के पहल से सूरजपुर का भी जुड़ा नाम
बताया जा रहा है कि पूर्व में मुख्यमंत्री की घोषणानुरूप बस्तर,दंतेवाड़ा, कोरबा,रायगढ़,बलौदाबाजार का ही नाम था बाद में विभागीय मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने स्थानीय समूहों की मांगों पर जनभावनाओं की कद्र करते हुए अपने निर्वाचन जिले सूरजपुर का भी नाम जुड़वाया । इस तरह प्रायोगिक तौर पर अब 6 जिलों में 1 अप्रैल 2025 से रेडी टू ईट फूड निर्माण व वितरण का कार्य पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूह करेंगी। इसके लिए आवेदन करने भी संबंधित जिलों में होड़ मचेगी।
इन जिलों में परियोजना स्तर पर रेडी टू ईट निर्माण का काम पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के हवाले 👇
1 .बस्तर
2 .दंतेवाड़ा
3 .कोरबा
4.रायगढ़
5 .बलौदाबाजार
6.सूरजपुर