‘रूबरू रोशनी’ के 6 साल: आमिर खान प्रोडक्शन्स की क्रांतिकारी डॉक्यूमेंट्री आज भी है खास!

शानदार 6 साल: आमिर खान प्रोडक्शन्स की ‘रूबरू रोशनी’ ने डॉक्यूमेंट्री की दुनिया में बनाई है अपनी खास जगह!

मुंबई। छह साल पहले आई ‘रूबरू रोशनी’ ने डॉक्यूमेंट्री की दुनिया में तहलका मचा दिया था। आमिर खान प्रोडक्शंस की ये फिल्म बस एक फिल्म नहीं, बल्कि इमोशन्स और रियलिटी का ऐसा मिक्स था, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया। इसमें भारत में सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों की सच्ची कहानियां दिखाई गईं, जो हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। सच में, ‘रूबरू रोशनी’ ने डॉक्यूमेंट्रीज का मतलब ही बदल दिया।

अवार्ड-विनिंग डायरेक्टर सुष्मित घोष की बनाई ‘रूबरू रोशनी’ बस कहानियां नहीं सुनाती, बल्कि उन लोगों के अंदर छुपे दर्द और जख्मों को दिखाती है, जिन्होंने नफरत भरी हिंसा का सामना किया है। आमिर खान प्रोडक्शंस की ये फिल्म ये समझने की कोशिश करती है कि ऐसे हादसे किसी इंसान और उसके आसपास की दुनिया पर कितना गहरा असर डालते हैं। इसमें पीड़ितों और दोषियों के बीच हुई बातचीत को दिखाया गया है, जो माफी और सहानुभूति जैसे बड़े मुद्दों को छूती है। ये डॉक्यूमेंट्री सिर्फ देखने की चीज नहीं है, बल्कि सोचने और महसूस करने का मौका देती है कि नफरत का दर्द कितना गहरा होता है और उससे उबरना कितना मुश्किल।

इस प्रोजेक्ट के पीछे आमिर खान प्रोडक्शन्स (AKP) का बहुत बड़ा हाथ है। उनकी कहानी कहने का तरीका और टोन इतना असली और असरदार है कि ये डॉक्यूमेंट्री एक अलग ही लेवल पर पहुंच गई। AKP ने सच्ची कहानियां और विजुअल मीडिया की ताकत का ऐसा इस्तेमाल किया कि फिल्म इंटरनेशनल फेस्टिवल्स में छा गई। कान्स और टोरंटो जैसे बड़े इवेंट्स में इसे जबरदस्त तारीफें मिलीं। ये प्रोजेक्ट साबित करता है कि जब इरादे पक्के हों और मेहनत सच्ची, तो कहानियां सीधे दिल तक पहुंचती हैं।

‘रूबरू रोशनी’ एक ऐसी फिल्म है जिसने सिर्फ कहानियां सुनाने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि हिंसा से प्रभावित लोगों और समुदायों के बीच बातचीत का एक जरिया बनी। ये डॉक्यूमेंट्री कई कैंपेन और एजुकेशनल प्रोग्राम्स का हिस्सा रही है, जिनका मकसद है लोगों को करीब लाना और समझदारी का माहौल बनाना। आमिर खान प्रोडक्शन्स (AKP) का हमेशा से यही यकीन रहा है कि फिल्में सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का भी काम कर सकती हैं। यही सोच ‘रूबरू रोशनी’ की कामयाबी का राज है।

‘रूबरू रोशनी’ के छह साल पूरे हो गए, लेकिन आज भी ये फिल्म AKP की सोच और नजरिए का असली चेहरा दिखाती है। ये सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं है, बल्कि इसके जरिए लोगों को सोचने और समझने का एक नया नजरिया मिला। आमिर खान प्रोडक्शन्स हमेशा से ऐसी फिल्में बनाता आया है जो दिल को छू जाएं और समाज को बदलने का जरिया बनें। ‘रूबरू रोशनी’ इसी सोच का बढ़िया उदाहरण है।