मुख्य सडक़ तक जाने में छूट रहा पसीना
कोरबा,19जनवरी 2025 (वेदांत समाचार) । साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा सोशल कॉर्पोरेट रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत 200 करोड़ की राशि इमलीछापर कुसमुंडा से तरदा तक सडक़ निर्माण कराया जा रहा है। 4 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद यह सडक़ पूरी नहीं हो सकी हैं। दूसरी और भलपहरी के पास एप्रोच रोड का निर्माण नहीं किए जाने से लोगों की परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। मुख्य मार्ग तक पहुंचने को लेकर कई प्रकार की दिक्कतें पेश आ रहे हैं।
हर रोज इस मार्ग से हजारों वाहनों की आवाजाही होती है और बड़ी संख्या में लोग एक से दूसरे गंतव्य के लिए पहुंच बनाते हैं। कनकी बलौदा और आसपास के क्षेत्र को कनेक्ट करने के लिए यह रास्ता लोगों को सहूलियत वाला लगता है। काफी समय से इस रास्ते की बदहाली को दूर करने और लोगों को बेहतर सुविधा देने की मांग होती रही। पूर्व कांग्रेस शासन काल में कोरबा विधायक और छत्तीसगढ़ के राजस्व आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पहल पर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने कोरबा जिले में बुनियादी सुविधाओं को हर हाल में अच्छा करने को लेकर गंभीरता दिखाई। प्रबंधन के द्वारा इस सिलसिला में 200 करोड रुपए की राशि सडक़ निर्माण के लिए स्वीकृत की गई और महाराष्ट्र नागपुर के एसएमएस एजेंसी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। लंबे समय तक अलग-अलग कारण से निर्माण कार्य विवादों में रहा और इसे लेकर उठा पटक होती रही। काफी समय गुजरने के बाद भी सडक़ अब तक पूरी नहीं बन सकी है। ऊपर से ग्रामीण क्षेत्र में आने वाला सडक़ का हिस्सा भी लोगों के लिए सर दर्द बना हुआ है। मौजूदा स्थिति में कछुआ की गति से सडक़ निर्माण का काम चल रहा है।
इस मार्ग से आवागमन करने वाले लोगों की शिकायत है कि भलपहरी तरदा के पास सडक़ निर्माण के दौरान एक जगह रोड को डायवर्ट किया गया था। अब रोड बनने के बाद मुख्य सडक़ के हिस्से को जोडऩे के लिए अप्रोच रूट नहीं बनाई जा सकी है। इससे बड़े हिस्से में ऊंचे नीचे भाग पर आवागमन करना काफी मुश्किल हो गया है और वाहनों के दबाव से गुबार उडऩे के कारण दुपहिया समेत दूसरी गाडिय़ों में सफर करने वाले लोग बेहद परेशान हो रहे हैं। इस मामले में निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। लोगों की शिकायत से उसे कोई मतलब नहीं रह गया है। लोगों का आरोप है कि प्रशासन के अधिकारी इस पूरे मामले में आंख बंद किए हुए हैं शायद इसीलिए यहां से जुड़ी हुई समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
बना हुआ है दुर्घटना का डर
लोगों को इस बात की भी चिंता बनी हुई है कि जिस तरह से इस रास्ते पर दिन और रात में आवागमन करने के दौरान बड़ी मात्रा में गुबार उड़ता है, उससे स्थिति खतरनाक होती जा रही है। ठंड के मौसम में तापमान गिरने से विजिबिलिटी अपने आप में एक समस्या है और ऊपर से गुबार की स्थिति उत्पन्न होने पर खतरा और बढ़ सकता है। लोगों ने कहा है कि इससे पहले की कोई बड़ा हादसा यहां पर हो, समाधान के लिए गंभीरता दिखाई जानी चाहिए।
स्कूल वाहनों के सामने भी चुनौतियां
ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत विद्यार्थियों को शहर के स्कूल-कॉलेज पहुंचाने में लगे हुए वाहनों के समक्ष भी सडक़ को लेकर चुनौतियां बनी हुई है। मौजूदा कारणों से इस रास्ते पर न केवल मुश्किल पेश आ रही है बल्कि कई बार तो जाम जैसी परिस्थितियां बन जाती है। ऐसे में स्थिति सामान्य होने के लिए इंतजार करना पड़ता है और कई बार इसी चक्कर में शेड्यूल गड़बड़ हो जाता है। कई बार महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने से विद्यार्थियों को वंचित भी होना पड़ गया।