भारत सरकार देश में कई सारी योजनाएं चला रही है उसी में एक प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Svamitva Yojana) भी है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 18 जनवरी, 2024 को 230 से ज़्यादा ज़िलों के लगभग 50,000 गांवों में ज़मीन मालिकों को 65 लाख से ज़्यादा प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करेंगे।
यह पहल प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का हिस्सा है। यह वितरण दोपहर करीब 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए होगा, जिसमें दिल्ली समेत देश के कई राज्य शामिल होंगे।
2021 में शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना है। ताकि हर व्यक्ति अच्छे से अपनी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त कर सके। इस योजना की विशेष पहल ये है कि व्यक्तियों को स्वामित्व अधिकार प्रदान करना है, भूमि विवादों को कम करने में मदद करती है और किसानों के लिए लोन तक आसान पहुंच की सुविधा प्रदान करती है। भूमि स्वामित्व निर्धारित करने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण और जीआईएस जैसी आधुनिक तकनीकों का यूज किया जाता है।
ड्रोन सर्वेक्षण और संपत्ति कार्ड
स्वामित्व योजना के तहत 3.17 लाख से ज़्यादा गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है, जिसमें लक्षित क्षेत्रों का 92% हिस्सा शामिल है। इसके परिणामस्वरूप लगभग 1.53 लाख गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ प्रॉपर्टी कार्ड तैयार किए गए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य भूमि स्वामित्व का स्पष्ट दस्तावेज़ उपलब्ध कराना है।
आगामी वितरण में 230 से अधिक जिलों के लिए संपत्ति कार्ड शामिल हैं, जिसमें दिल्ली के 31 गांवों और दक्षिण दिल्ली के 16 से अधिक गांवों पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह पहल ग्रामीण भारत में भूमि संबंधी मुद्दों को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्वामित्व योजना के लाभ
स्वामित्व योजना का मुख्य लक्ष्य स्पष्ट स्वामित्व रिकॉर्ड प्रदान करके भूमि विवादों को कम करना है। ऐसा करके यह किसानों को उनकी भूमि स्वामित्व स्थिति की स्पष्टता के कारण अधिक आसानी से लोन प्राप्त करने में भी सहायता करता है। अच्छी तकनीक का इस्तेमाल सटीक और विश्वसनीय डेटा संग्रह सुनिश्चित करता है।
यह योजना न केवल व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों को लाभान्वित करती है, बल्कि भूमि प्रबंधन प्रक्रियाओं को सही करके और भूमि सीमाओं पर संघर्षों को कम करके ग्रामीण समुदायों की व्यापक आर्थिक स्थिरता में भी योगदान देती है।