भाजपा शासन काल में आदिवासी सरपंच परेशान
कोरबा,16जनवरी 2025 (वेदांत समाचार)। विकासखंड कोरबा की रजगामार सरपंच रमुला राठिया ने इस बात पर सवाल खड़ा किया है कि क्या प्रदेश कि भाजपा सरकार ने आदिवासी सरपंचों को परेशान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर रखा है। कहां गया है कि 29 अगस्त 2024 को जिला पंचायत कोरबा के द्वारा जारी आदेश क्रमांक 3980 के अंतर्गत इस पंचायत को भुगतान के लिए जनपद पंचायत कोरबा के सीईओ का अनुमोदन जरूरी कर दिया गया लेकिन अब यहां के सीईओ ऐसा करने से मना कर रहे हैं।
सरपंच की ओर से अपनी परेशानी को लेकर कोरबा कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को अवगत कराया गया है। इसमें बताया गया है कि जनपद पंचायत कोरबा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी से जब स्वीकृत और पूरे हो चुके निर्माण कार्यों के भुगतान के मामले में अनुमोदन के लिए संपर्क किया जाता है तो उनका यही जवाब है कि अनुमोदन करने से ऊपर के अधिकारियों ने मना कर दिया है ,ऐसा उनका मौखिक आदेश है। जबकि पहले ही उच्च अधिकारियों ने अनुमोदन की जिम्मेदारी जनपद पंचायत के सीईओ को दे रखी है।
इस तरह से विरोधाभासी स्थिति के कारण पंचायत को उसके ही कार्यों में भुगतान नहीं होने से उन पार्टी को बकाया चुकता करने में दिक्कत हो रही है जिसे काम कराया गया है अथवा सामग्री ली गई है। अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाली सरपंच रामूला राठिया ने अधिकारी को इस बारे में पत्र भेज कर अवगत कराया है और जानना चाहा है कि इस प्रकार की मनमानी भुगतान के मामले में आखिर क्यों की जा रही है। अधिकारियों को अवगत कराया गया है कि ग्राम पंचायत में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 3 वर्ष पहले कंकरीट रोड, शेड निर्माण, चबूतरा और अन्य विकास कार्य मंजूर करने के बाद कराए गए। सभी प्रकार के औपचारिकताओं के बावजूद अब तक इनका भुगतान नहीं किया गया है। इस मामले की चलते आर्थिक परेशानियां पेश आ रही है और तनाव भी बढ़ रहा है। रमुला ने कहा है कि भुगतान के मामले में जिस तरह से पंचायत की परेशानी बढ़ाई जा रही है उसे उसके साथ-साथ सरकार की नीतियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सरपंच का कहना है कि उसके विरुद्ध पहले भी बोगस मामले की जांच कराई गई और परेशान करने की नीयत से प्राथमिकी तक दर्ज कराई गई। इससे ऊपर जाकर बर्खास्त करने का प्रयास किया गया जिस पर कमिश्नर कोर्ट ने झटका देते हुए कार्रवाई पर रोक लगा दी। सरपंच ने इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री तक विषय की जानकारी दी है और कहां है कि पंचायत में 3 वर्ष पहले पूरे हो चुके हैं निर्माण कार्यों जिनकी रिपोर्ट अधिकारियों को प्राप्त हो चुकी है, इनमें भुगतान के लिए आवश्यक कार्रवाई कराई जाए जिसे गैर जरूरी तरीके से बाधित किया जा रहा है।