जगह-जगह बिक रही है महाराष्ट्र और एमपी की अवैध शराब

0 आबकारी और पुलिस विभाग की मिलीभगत के चलते क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री जोरो पर

अम्बागढ़ चौकी । आबकारी विभाग की लापरवाही और मिलीभगत के चलते क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री जोरो पर है जहाँ कोचियों ने शराब प्रेमियो से मनमानी कीमत वसूली जा रही है। आबकारी कानूनों की धज्जियां उड़ाते इन कोचियों के पास सुबह अवैध शराब की बिक्री शुरू हो जाती है जो देर रात तक चलती है। अम्बागढ़ चौकी नगर सहित बांधा बाज़ार,भड़सेना,आंतर गांव व अन्य गांवों में शराब कोचिया मालामाल हो रहे है,कई स्थानों पर लोगो ने इस अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए लोगो ने प्रदर्शन भी किये लेकिन शराब कोचियों के रसूखात के चलते आबकारी विभाग में जनता की कोई सुनवाई नहीं हुई। आबकारी विभाग के अधिकारी केवल शिकायत मिलने पर कार्रवाई की बात कह कर पल्ला झाडने में लगे है।


चिल्हाटी क्षेत्र में भी शराब कोचियों की भरमार


वही चिल्हाटी क्षेत्र की बात करे तो चिल्हाटी के अलावा कोरचाटोला,हांडिटोला, तिर्पेमेटा, मक्के,सहित आसपास के गांवों में भी कोचियों द्वारा अवैध रूप से शराब बेच कर तय कीमत से ज्यादा राशि वसूल रहे है। अम्बागढ़ चौकी,चिल्हाटी क्षेत्र में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद हमने इन गांवों व आसपास के गांव में जाकर देखा। जिसमें कुछ और ही हकीकत सामने आई। घर के बाहर शराब भट्टी से ज्यादा भीड़ व शराब पर तय कीमत से लगभग 50 से 100 रुपए तक ज्यादा वसूले जा रहे है। अंग्रेजी शराब बिक्री के बंद होने के बाद भी कई जगह बिना किसी रोक टोक के शराब बेची जा रही है।जिसे आबकारी विभाग इसको रोक पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।


बेधड़क बिक रही है अवैध शराब


कहने को तो अम्बागढ़ चौकी और चिल्हाटी पुलिस लगातार अवैध शराब बिक्री पर अंकुश लगाने लगातार कार्यवाही कर रही है लेकिन कई जगह आज भी अवैध शराब बेखौफ बिकती है। बांधा बाजार और चिल्हाटी में तो घर के बाहर कोचियों ने शराब जेब मे रखकर ग्राहक का इंतज़ार करते है जैसे कोई ग्राहक आता है तो उससे ज्यादा राशि लेकर शराब थमा दी जाती है। कई जगह शराब दूसरी जगह छिपा दी जाती है। उसके बाद ग्राहक को बेची जाती है।पर इन अवैध शराब बेचने वाले कोचियों पर कार्रवाई करने वाले आबकारी विभाग के अधिकारी मौन बैठे है।

बड़ी आसानी से कोचियों तक पहुच रही है शराब

कोरोना काल व लॉकडाउन के दौरान भी इन कोचियों को मानो अवैध शराब बिक्री का लाइसेंस मिला था जो बिना भय के बेचे जा रहे थे मानो इन्हें आबकारी विभाग से अभयदान मिला हो।इसके साथ ही अनलॉक के बाद एक नई गाइडलाइंस के अनुसार देशी शराब को छोड़ अंग्रेजी शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है उसके बाद भी इन कोचियों के पास आसानी से अंग्रेजी शराब आसानी से उपलब्ध हो जाते है आखिर यह शराब इन कोचियों तक बड़ी आसानी से कैसे पहुँच रही है यह एक बड़ा सवाल है।

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