छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित सुकमा जिले में आज 9 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इसमें 2 महिला नक्सलियों समेत 9 नक्सलियों का समर्पण हुआ, जिनमें से 2 पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था और 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
इन सभी नक्सलियों पर कुल 43 लाख रुपए का इनाम था और वे बुर्कापाल घटना समेत कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे थे। ये नक्सली पुलिस के बढ़ते दबाव और राज्य सरकार की नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण करने पहुंचे।
इन नक्सलियों ने सुकमा जिले के एसपी किरण चौहान के समक्ष आत्मसमर्पण किया। बता दें कि बस्तर संभाग नक्सलियों का मुख्य क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों के नए कैम्पों के स्थापित होने से नक्सलियों पर पुलिस का दबाव बढ़ा है। इसके अलावा, सरकार द्वारा चलाए जा रहे नियद नेल्ला नार योजना के प्रभाव से नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।
‘नियद नेल्ला नार योजना’ क्या है ?
नियद नेल्ला नार योजना का उद्देश्य ‘आपका आदर्श गांव’ को बढ़ावा देना है। यह योजना बस्तर के अंदरूनी इलाकों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने का प्रयास करती है। योजना के प्रभाव से नक्सली अब आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और नये सिरे से अपनी जिंदगी की शुरुआत कर रहे हैं।
मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की हुई पहचान
वहीं, सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर गुरुवार को हुई एक पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों में एक पर 8 लाख रुपए का इनाम था, जबकि अन्य दो पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। कुल 18 लाख के इनामी इन नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। मारे गए नक्सलियों में पीएलजीए बटालियन का आईईडी एक्सपर्ट कोरसा महेश (इनामी 8 लाख), माडवी नवीन उर्फ कोसा (इनामी 5 लाख) और अवलम भीमा (इनामी 5 लाख) शामिल हैं।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की, जिसमें 2 बीजीएल लॉन्चर, 1 12-बोर राइफल, विस्फोटक सामग्री, नक्सली साहित्य और अन्य दैनिक उपयोगी सामान शामिल हैं। इन घटनाओं को लेकर सुरक्षा बलों ने सफलता का दावा किया है और यह नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी जीत माना जा रहा है।