कोरबा / सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने प्रदेश सरकार के ढाई साल पूरे होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे को शत प्रतिशत ढाई वर्ष में लागू नहीं कर पाई जो चिंता का विषय है।
सिन्हा ने आगे बताया कि प्रदेश सरकार कोरोना काल में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब लोगों के खाते में फूटी -कौड़ी भी नहीं दी जिसके चलते गरीब परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा पड़ोसी राज्यों द्वारा गरीबों को राहत दी गई केंद्र सरकार द्वारा जनधन खाते में तीन किस्तों में 1500/रुपए तथा उज्जवला गैस ,5 किलो चावल आदि सहायता दी गई पड़ोसी राज्यों ने अपने गरीब मजदूरों तथा स्टेट वेंडरो के खातों में 1000-1000/-रुपए दिए गए,कोरोना मे कमाउ मृत्त व्यक्तियों के जिसका बच्चा अनाथ हो गया है उस बच्चे को पढ़ाई के साथ-साथ उसके आश्रितों को 5000-5000/- प्रतिमाह सहायता राशि देने की घोषणा पड़ोसी राज्यों ने किया है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने केवल प्रतिमाह दी जा रही चावल के अतिरिक्त कुछ भी नहीं दिया , गरीबों के खाते में कोई सहायता नहीं की गई यहां तक की कोरोना मे मृत आश्रितों को मुख्यमंत्री व आपदा फंड से चार चार लाख सहायता राशि देना था लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा नहीं दिया
गया जिससे गरीब परिवार निराश व परेशान हुए ।
सिन्हा ने आगे बताया कि चुनाव के समय किए गए घोषणा पत्रों में सत प्रतिशत वादा ढाई साल बीत जाने के बाद भी नहीं लागू किया गया जिसमें प्रमुख रूप से बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता, पूर्ण शराबबंदी ,वृद्धा व निराश्रित पेंशन धारियों को 1000 से 1500/₹ तक बढ़ोतरी करने का वादा भी पूरा नहीं हुआ इसके अतिरिक्त शहरी झुग्गी झोपड़ियों में संपत्ति कर आधा माफ करने का वादा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति कर पूर्ण माफ करने का वादा किया गया था जो आज दिनांक तक पूरा नहीं हुआ इस तरह से आउटसोर्सिंग बंद करने तथा संविदा में कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई करने का वादा भी आज दिनांक तक पूरा नहीं किया गया इस तरह से कुल मिलाकर प्रदेश सरकार ढाई साल में न तो गरीबों को राहत दे पाई और नहीं कोई विकास कार्य किया कुल मिलाकर ढाई साल का कार्यकाल गरीब विरोधी तथा विकास कार्यों में छत्तीसगढ़ पिछड़ गया इसलिए अभी मौका है प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के साथ-साथ घोषणापत्र वादे को शीघ्र लागू करें।
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