बांग्लादेश ने शेख हसीना का पासपोर्ट किया रद्द, तो भारत ने बढ़ाया वीजा; दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए. यह कार्रवाई उनके कथित तौर पर जबरन गुमशुदगी और जुलाई हत्याकांड में शामिल होने के आरोपों के चलते की गई है. वहीं, businesstoday.in की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने कथित तौर पर अपदस्थ बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना का वीजा बढ़ा दिया है, जो पिछले साल अगस्त में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच भागने के बाद से देश में रह रही हैं.

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण की मांग को तेज कर रही है. शेख हसीना, जो 77 वर्ष की हैं, पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं.

अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल ने जारी किया वारंट

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना और उनके पूर्व मंत्रिमंडल के कई सदस्यों, सलाहकारों, और सैन्य व नागरिक अधिकारियों के खिलाफ “मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार” के आरोपों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 23 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था.

12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश

ढाका में अधिकारियों ने संकेत दिया है कि 2024 में भड़के विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी हिंसक घटनाओं और गायब होने में उनकी कथित संलिप्तता के लिए उनसे जवाब मांगा जा रहा है. न्यायाधिकरण ने हसीना सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने और पेश करने के लिए 12 फरवरी तक की समयसीमा जारी की है.

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना

इस कार्रवाई के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और बढ़ने की संभावना है. अवामी लीग समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष और गहरा सकता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और शेख हसीना के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर है.