FASTag : कैबिनेट में बड़ा फैसला! 1 अप्रैल से सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य, नहीं तो देना होगा दोगुना टोल…

एएनआई, नई दिल्ली,08जनवरी 2025। महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्य में सभी गाड़ियों के लिए 1 अप्रैल, 2025 से FASTag अनिवार्य करने का फैसला किया। FASTag एक RFID निष्क्रिय टैग है जिसका इस्तेमाल ग्राहकों से सीधे जुड़े प्रीपेड या बचत/चालू खाते से टोल भुगतान करने के लिए किया जाता है।

यह गाड़ी की विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है और ग्राहक को किसी भी टोल भुगतान के लिए रुके बिना टोल प्लाजा के माध्यम से गाड़ी चलाने में सक्षम बनाता है।

कैसे काम करता FASTag?

टोल किराया सीधे ग्राहक के लिंक्ड खाते से काट लिया जाता है। FASTag भी वाहन विशिष्ट है और एक बार इसे किसी वाहन पर चिपका दिया जाता है, तो इसे दूसरे वाहन में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। FASTag को NETC के किसी भी सदस्य बैंक से खरीदा जा सकता है। यदि फास्टैग प्रीपेड खाते से जुड़ा हुआ है, तो इसे ग्राहक के इस्तेमाल के अनुसार रिचार्ज/टॉप-अप करना होगा।

FASTag का फायदा

यदि ग्राहक द्वारा पर्याप्त बैलेंस नहीं रखा जाता है, तो FASTag को टोल प्लाजा पर ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है।

  • ऐसे में यदि ग्राहक बिना रिचार्ज कराए किसी टोल प्लाजा से यात्रा करता है तो वह एनईटीसी सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाएगा और उसे टोल किराया नकद के माध्यम से भुगतान करना होगा।
  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने भारतीय बाजार की इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम विकसित किया है।
  • FASTag एक उपकरण है जो वाहन के चलते समय सीधे टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का इस्तेमाल करता है।
  • फास्टैग (आरएफआईडी टैग) वाहन की विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है और ग्राहक को फास्टैग से जुड़े खाते से सीधे टोल भुगतान करने में सक्षम बनाता है।

समय की होगी बचत

FASTag कैशलेस भुगतान की सुविधा के साथ-साथ फ्यूल समय की बचत जैसे लाभ प्रदान करता है क्योंकि ग्राहक को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता है।