नईदिल्ली,07जनवरी 2025 : भारत में खेलों का एक नया युग शुरू होने जा रहा है. भारत ने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी का लक्ष्य बनाया हुआ है. इस बीच देश में बड़े जेवलिन थ्रो कम्पटीशन का एलान अवश्य ही एथलीटों को रोमांच की अनुभूति करवा रहा होगा. एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) इसी साल आगे चलकर भारत में बड़े स्टार एथलीटों से सुसज्जित एक जेवलिन थ्रो कम्पटीशन करवाएगा, जिसमें नीरज चोपड़ा भी भाग लेते नजर आएंगे.
पेरिस ओलंपिक्स 2024 की जेवलिन थ्रो स्पर्धा में में सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने इच्छा जताई थी कि वो भारत में अंतर्राष्ट्रीय एथलीटों के साथ कम्पटीशन करना चाहते हैं. नीरज ने कहा, “यह मेरा सपना है कि मैं भारत में इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ कम्पटीशन करूं. उम्मीद है कि जल्द ही भारत किसी इंटरनेशनल इवेंट की मेजबानी करे और मैं उसका हिस्सा बन सकूं.” शायद नीरज का यह सपना आ अभी पूरा ना हो पाए, लेकिन भारत में अलग से जेवलिन थ्रो कम्पटीशन का कार्यक्रम उस ओर बढ़ाए गए कदम के रूप में देखा जा सकता है.
लगातार दूसरे गोल्ड से चूके थे नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा ने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में 87.58 मीटर की दूरी तय कर जेवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. वहीं जब पेरिस ओलंपिक्स की बाती आई तो नीरज ने पहले से कहीं ज्यादा दूरी तय की, लेकिन इस बार उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. इस बार उन्हें हराने वाले कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान के अरशद नदीम थे.
पेरिस ओलंपिक्स के जेवलिन थ्रो फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर दूर भाला फेंका था. मगर वो अरशद नदीम के 92.97 मीटर के आंकड़े को पार नहीं कर पाए. इस कारण उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था. मगर उन्होंने इतिहास जरूर रच दिया था और उससे भी अहम बात ये है कि नीरज की दो ओलंपिक खेलों में इस सफलता से भारत के युवाओं में एथलेटिक्स में आने की लहर छा गई है.