गृह जिले से 10 साल पदस्थापना के बाद भी नहीं छूटा मोह, जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी एम एस कंवर की कांकेर में जॉइनिंग के बाद भी स्थानांतरण आदेश निरस्त, देखें विभाग का मनमाना आदेश….

कोरबा, 07 जनवरी (वेदांत समाचार)। 10 साल से गृह जिले में पदस्थ रहे अपने चहेते अफसर पर योजना एवं आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ,मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन ने नियम कायदों को ताक में रखकर स्थानांतरण आदेश के तहत पदभार ग्रहण करने के बाद भी स्थानांतरण आदेश निरस्त कर दिया है। विभाग का यह अटपटा आदेश सुर्खियों में बना हुआ है।

यहाँ बताना होगा कि योजना एवं आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ,मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन ने गत लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के 10 दिन पूर्व 5 मार्च 2024 को विभाग के विभिन्न जिलों में पदस्थ 10 अधिकारी कर्मचारियों का समन्वय में अनुमोदन प्राप्त कर स्थानांतरण किया था। जिसके तहत जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय कोरबा जिले में पदस्थ उपसंचालक मोहन सिंह कंवर का कांकेर जिले में तबादला कर दिया गया था।वहीं
जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सूरजपुर जिले में पदस्थ सहायक सांख्यिकी अधिकारी नितरंजन सिंह पैकरा का सुकमा जिला स्थानांतरण कर दिया गया था। बात करें कोरबा की तो स्थानांतरण आदेश के बाद भी जिले में सहायक संचालक की मौजूदगी के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा श्री कंवर को भारमुक्त नहीं किया। शासन के कड़े निर्देश के बाद उन्हें 27 नवंबर 2024 को नवीन पदस्थापना स्थल कांकेर जिले के लिए भारमुक्त किया गया। इस तरह वो स्थानांतरण के बावजूद उच्च अधिकारियों की विशेष कृपा से 8 माह तक वर्तमान कार्यस्थल पर ही सेवाएं देते रहे। 27 नवंबर 2024 को भारमुक्त होने के बाद श्री कंवर कांकेर जिले में पदभार ग्रहण कर चुके हैं। लेकिन इसी बीच नगरीय निकाय चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के ठीक 10 दिन पूर्व कल 6 जनवरी को अवर सचिव योजना एवं आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ,मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन कुसुम एक्का ने एक आदेश जारी कर उपसंचालक मोहन सिंह कंवर ,एवं सहायक संचालक नितरंजन सिंह पैकरा का स्थानांतरण आदेश निरस्त कर दिया गया है। पदभार ग्रहण करने के लंबे समयावधि बाद स्थानांतरण आदेश निरस्त करने से विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे। इस मनमाना आदेश की मुख्यमंत्री से शिकायत किए जान की बात कही जा रही है।

तो क्या पूरी सेवाकाल गृह जिले में देंगे ,महत्वाकांक्षा पर उठ रहे सवाल

जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी मोहन सिंह कंवर 2015 -16 से कोरबा जिले में सेवाएं दे रहे हैं। सहायक संचालक से उप संचालक के पर पर पदोन्नति के बाद भी श्री कंवर कोरबा जिले में ही बने रहे। इस बीच कितने आम चुनाव आए और गए लेकिन गृह जिले में पदस्थापना 3 वर्ष से अधिक की पदस्थापना के आधार को नजरअंदाज कर उन्हें कोरबा जिले में ही सेवाएं देने का अवसर दिया गया। लेकिन अबकी बार तो हद ही हो गई न केवल विभाग का ट्रांसफर आदेश मजाक बना ,ट्रांसफर निरस्तीकरण आदेश भी चर्चा में है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कोई विशेष महत्वाकांक्षा श्री कंवर को गृह जिला कोरबा से जाने नहीं दे रही। या फिर अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में किए गए कार्यों की जांच का भय उन्हें कोरबा वापसी के लिए मजबूर कर रहा। वैसे आर्थिक रूप से समृद्ध कोरबा की तासीर ही ऐसी है कि अफसर यहाँ से न जाने तरह तरह के प्रयत्न करते हैं।