भाजपा के नगर महामंत्री और खटीक समाज जिलाध्यक्ष जितेंद्र मेवाफरोश ने रविवार सुबह घर पर लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली की आवाज सुनकर घर के लोग दौड़कर आए तो उन्होंने देखा कि जितेंद्र खून से लथपथ पड़े थे। उन्हें तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने जितेंद्र को मृत घोषित कर दिया।
लेनदेन को लेकर दबाव बनाने का आरोप
घटना के संबंध में एक भाजपा पार्षद सहित कुछ लोगों पर लेनदेन को लेकर दबाव बनाने का आरोप स्वजन ने लगाया। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार रविवार सुबह 11 बजे जितेंद्र मेवाफरोश सुबह नहाने के बाद घर के बाहर पूजा करने के लिए निकले थे। इसी दौरान उन्होंने लाइसेंसी रिवाल्वर कनपटी पर रखकर खुद को गोली मार ली।
सहारा कंपनी में एजेंट थे जितेंद्र
बड़े भाई वीरेंद्र खटीक ने बताया कि जितेंद्र पहले सहारा कंपनी में एजेंट के तौर पर काम करते थे। कंपनी के बंद हो जाने के बाद जितेंद्र ने कर्ज लेकर लोगों के रुपये लौटाए थे। कुछ रुपये भाजपा पार्षद रिंकू दुबे और उसके साथी अंकित के भी थे। इसे लेकर दोनों उस पर जमीन और घर उनके नाम करने का दबाव बना रहे थे।
साढ़े छह लाख रुपये का कर्ज
बेटी सोनम ने पुलिस को बताया कि पिता पर साढ़े छह लाख रुपये का कर्ज था। इसके लिए उन्हें आए दिन धमकियां मिलती थीं। इसी से परेशान होकर उन्होंने ये कदम उठा लिया।
पिता रामसेवक खटीक का कहना है कि जितेंद्र ने कुछ दिन पहले सब्जी का थोक व्यापार शुरू किया था। कामकाज ठीक चलने लगा था, फिर भी यह हादसा हो गया।