KORBA:दूसरे काम में लगा सहायक शिक्षक, हेड मास्टर पर 5 कक्षाओं की जिम्मेदारी

कोरबा,05 जनवरी 2025 (वेदांत समाचार)। जिले के करतला विकासखंड के अंतर्गत बांधपाली गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में काफी समय से पांच कक्षाओं की जिम्मेदारी हेड मास्टर के भरोसे हैं। शिक्षा विभाग में खाने के लिए यहां पर दो शिक्षक नियुक्त किए हैं।

लेकिन दूसरे शिक्षक से सरकारी योजनाओं से संबंधित काम लिए जा रहे हैं इसलिए उनकी उपयोगिता शैक्षणिक कार्यों में नहीं हो पा रही है। इस स्थिति में शिक्षण व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है।

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लगातार इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि स्कूलों में पठन-पाठन को रुचिकर बनाने के साथ गुणवत्ता युक्त भी बनाया जाए। इस मामले में शिक्षकों से बहुत सारी अपेक्षाएं रखी जा रही है। समय-समय पर स्कूलों की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए अधिकारी पहुंच रहे हैं लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद करतला विकासखंड के बांधपाली गांव में संचालित प्राथमिक विद्यालय की स्थिति किसी की नजर में नहीं आ सकी। इस विद्यालय में पांच कक्षाएं संचालित हो रही है और इनमें 105 विद्यार्थी पंजीकृत है । क्षेत्र के अभिभावक यह सोचकर अपने बच्चों को इस विद्यालय में भेजते हैं कि वह कुछ अच्छा सीखेंगे और अपना भविष्य बनाएंगे।

लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि स्कूल में पांचो कक्षाओं को अलग-अलग पढऩा मुश्किल हो गया है क्योंकि हेड मास्टर दिनेश सोनी को ही पूरी भूमिका निभानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि व्यवस्था की दृष्टिकोण से यह सब करना पड़ रहा है क्योंकि विभाग ने एक अन्य शिक्षक यहां पर दिया जरूर है लेकिन विभागीय और दूसरे कार्यों के लिए उन्हें ही लगा दिया जाता है। निश्चित रूप से शिक्षकों की कमी के कारण व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। विद्यालय में शिक्षक गिनती के है इसलिए वैकल्पिक रूप से पढ़ाई कराई जानी जरूरी हो गई है। अलग-अलग विद्यार्थियों को बैठने के साथ ना तो कक्षाएं लगाई जा सकती और ना ही उन्हें पढ़ाया जा सकता।

इसलिए एक ही स्थान पर सभी विद्यार्थियों को बैठक उन्हें पढऩे का काम कराया जा रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि समय-समय पर उन्हें दो शिक्षकों की सेवाएं मिल पाती हैं।

सरकार का नारा है कि पड़ेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया लेकिन कोरबा से लेकर करतला सहित दूसरे क्षेत्रों में जिस प्रकार की व्यवस्था कायम है उसे लगता है कि सुधार करना काफी जरूरी है। कोरबा जिले में ऐसे कई स्कूल है जहां पर केवल दो शिक्षक पदस्थ किए गए हैं और उनके जिम में पांच कक्षाओं की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसा लगता है कि काफी समय बीतने के बाद भी अधिकारियों ने इस बात पर गंभीरता से विचार नहीं किया कि जब एक शिक्षक अधिकांश समय सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करने में इंगेज कर दिया जाता है तो फिर एक शिक्षक से आप पठन-पाठन के साथ-साथ अच्छे नतीजे की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। बड़ी-बड़ी बात करने वाले प्रशासन के उच्च अधिकारियों को इस दिशा में विचार के साथ-साथ उचित कदम उठाने की जरूरत है। ऐसा होने पर ही सरकारी विद्यालयों के स्तर को पटरी पर लाया जा सकेगा।