उत्कृष्ट परिणाम के लिए कड़ी मेहनत व जिम्मेदारी से करना होगा काम : कलेक्टर

बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम सुधारने के लिए शिक्षकों की अहम बैठक

कोरिया,03जनवरी 2025 (वेदांत समाचार) । जिले के सभी विद्यालयों के प्राचार्यों और व्याख्याताओं की बैठक कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशुतोष चतुर्वेदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

बैठक में आगामी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए रणनीति तैयार करने पर जोर दिया गया। कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने कहा, शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों की समस्याओं को समझकर उनका समाधान करें। प्रत्येक विषय का गहन अध्ययन कर छात्रों को बेहतर शिक्षण प्रदान करना जरूरी है। शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षाओं और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्रों को अधिक मदद देने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को पिछले साल के परिणामों का विश्लेषण कर इस साल के लिए सुधारात्मक कार्ययोजना बनाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने अवकाश दिवस के दिन शनिवार, रविवार को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं लगाने या ऑनलाइन पढ़ाई के सुझाव भी दिए ताकि पढ़ाई की स्तर में सुधार आए और परिणाम बेहतर हो सके। उन्होंने सभी विद्यार्थियों खासकर बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों से अपील की है कि कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करें ताकि परिणाम बेहतर आ सके।

जिला पंचायत सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा, बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह हैं, जिन्हें गढ़ने की जिम्मेदारी आप सब पर है। छात्रों में आत्मविश्वास और जिज्ञासा बढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रेरक और प्रभावी शिक्षण विधियों को अपनाना चाहिए। उन्होंने छात्रों की उत्तर लेखन शैली सुधारने और नवीनतम शिक्षण तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया।

बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गुप्ता और विकासखंड शिक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों को परीक्षा के लिए बेहतर माहौल तैयार करने के लिए अपने सुझाव साझा किए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। सप्ताहांत और अवकाश के दिनों में अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करने का प्रस्ताव दिया गया। छात्रों की जिज्ञासा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास देने पर फोकस किया गया और शिक्षण पद्धतियों में नवाचार और सुधार पर जोर दिया गया।