कोरबा,03जनवरी 2025 (वेदांत समाचार) । वनमंडल कोरबा के करतला रेंज में आधा दर्जन से अधिक हाथियों की दस्तक फिर हो गई है। हाथियों के पीडिया गांव में पहुंचने की भनक लगते ही ग्रामीण इकट्ठा हुए और अपनी फसल की सुरक्षा के लिए ट्रैक्टर व अन्य संसाधन लेकर खेतों की ओर निकल पड़े।
इस प्रयास में ग्रामीण रतजगा करते रहे और हाथियों को खेतों तक पहुंचने से रोके रखे। हाथियों ने जंगल से निकलकर दो-तीन बार खेतों तक पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों द्वारा शोरगुल मचाने के साथ हाथियों को खदेड़ दिया जिससे वे जंगल जाने को मजबूर हो गए। वहीं घायल हाथी ने करतला रेंज में प्रवेश कर लिया है। इसे आज सुबह रेंज के जोगीपाली गांव के जंगल में देखा गया। कल घायल हाथी का लोकेशन रायगढ़ जिले के छाल रेंज अंतर्गत धसकामुड़ा जंगल में मिला था जिस पर वन अमले ने जाकर निगरानी की थी।
बताया जाता है कि घायल हाथी ने रात में मूव्हमेंट किया और धसकामुड़ा जंगल से निकलकर करतला रेंज की सीमा में आने के साथ जोगीपाली जंगल पहुंचकर विचरण करने लगा। घायल हाथी के पहुंचने से करतला रेंज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की परेशानी फिर बढ़ गई है क्योंकि यह हाथी अकेला विचरण कर रहा है जिसके कारण अमले को विशेष निगरानी करनी पड़ रही है। वही पीडिया क्षेत्र में हाथियों की निगरानी के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है।
खबरों में बताया गया कि पीडिया क्षेत्र में दस्तक देने वाले हाथियों का आगमन छाल रेंज से हुआ है। इससे पहले हाथियों का यह दल पीडिया क्षेत्र में काफी दिनों तक डेरा डालकर ग्रामीणों के फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहा था जिससे ग्रामीण काफी हलाकान थे। सप्ताह भर पहले दल ने छाल रेंज का रूख किया था। वहां के जंगलों में 8 दिनों तक लगातार विचरण करने के बाद फिर वापस लौट आया है। उधर कटघोरा वनमंडल में भी हाथियों की समस्या लगातार बनी हुई है।
यहां के केंदई व एतमानगर रेंज में 48 की संख्या में हाथी अलग-अलग झुंडों में विभिन्न स्थानों पर घूम रहे हैं। हाथियों के दल ने फिलहाल कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है फिर भी उत्पात की संभावना को देखते हुए वन विभाग काफी सतर्क है। हाथी ड्यूटी में तैनात अधिकारी व कर्मचारी लगातार हाथियों पर निगरानी रखे हुए हैं और उसके उत्पात को रोकने के लिए तत्पर हैं। जैसे ही हाथियों के गांव के निकट अथवा आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचने की सूचना मिलती है तत्काल अमला मौके पर पहुंचकर मुनादी कराने के साथ हाथियों को खदेडऩे की कार्यवाही में जुट जाते हैं।