बिलासपुर। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों से निपटने और जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बिलासपुर पुलिस ने “चेतना” अभियान के तहत एक व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया। पुलिस ग्राउंड में हुए इस विशेष आयोजन का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने किया।
उन्होंने साइबर अपराध के खतरे को समाज और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए कहा कि जागरूकता और सतर्कता से ही इसे रोका जा सकता है। एसपी ने कहा कि किसी भी साइबर अपराध का सामना करने पर घबराएं नहीं। तुरंत 1930 पर काल करें और अपनी शिकायत दर्ज करें।
आपकी जागरूकता से न केवल अपराधियों को सजा मिलेगी, बल्कि दूसरे लोगों को भी सुरक्षा मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में सभी को साइबर अपराध के प्रति जागरूक रहने और इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने का संकल्प दिलाया गया। इस अभियान में शहर की प्रमुख सामाजिक संस्थाओं और चेतना मित्रों ने सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी भागीदारी से यह सुनिश्चित किया गया कि साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता हर वर्ग तक पहुंचे।
इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा, उदयन बेहार, नगर पुलिस अधीक्षक (कोतवाली) अक्षय प्रमोद सभद्रा, नगर पुलिस अधीक्षक (सिविल लाइन) निमितेश सिंह, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (कोटा) श्रीमती नूपुर उपाध्याय, यातायात उप पुलिस अधीक्षक संजय साहू, प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक रोशन आहुजा और अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे I
साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और टोल-फ्री नंबर 1930
साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के टोल-फ्री नंबर 1930 को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने विशेष स्टीकर जारी किए गए। यह नंबर नागरिकों को साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराने में तुरंत सहायता प्रदान करता है। 1930 पर काल कर कोई भी व्यक्ति साइबर ठगी, ऑनलाइन फ्रॉड, फर्जी कॉल्स, फिशिंग या अन्य डिजिटल धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकता है।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि यह नंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संचालित है और 24 घंटे उपलब्ध है। शिकायत दर्ज करने के तुरंत बाद कार्रवाई शुरू होती है। इससे ठगी गई रकम को वापस लाने की संभावना बढ़ जाती है।
ट्रेनी आईपीएस ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
कार्यक्रम में प्रशिक्षु आईपीएस सुमित कुमार ने साइबर अपराध के विभिन्न तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे फर्जी कॉल्स, ईमेल स्कैम, यूपीआई फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी जैसे अपराध किए जाते हैं।
इसके साथ ही, उन्होंने इनसे बचाव के उपाय बताए। जैसे- अज्ञात लिंक पर क्लिक न करना। किसी के साथ भी ओटीपी साझा न करना। बैंक या सरकारी संस्थानों की जानकारी को सत्यापित करना। संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत 1930 पर कॉल करना।
स्टीकर के जरिए प्रचार-प्रसार
स्टीकर्स को पुलिस अधिकारियों, पेट्रोलिंग वाहनों, चेतना मित्रों, मीडिया कर्मियों और आमजन के 550 से अधिक वाहनों पर लगाया गया। यह पहल सुनिश्चित करती है कि हर व्यक्ति को 1930 की जानकारी हो और वह इसे उपयोग में ला सके। स्टीकर्स पर टोल-फ्री नंबर के साथ साइबर अपराध से बचने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए गए हैं।
तुरंत करें 1930 में शिकायत
एसपी रजनेश सिंह ने कहा, ‘साइबर अपराध एक नई चुनौती है, जिसका सामना जागरूकता और सतर्कता से किया जा सकता है। हमारी कोशिश है कि हर व्यक्ति इस खतरे को समझे और इसका शिकार होने पर तुरंत 1930 पर शिकायत करे। इससे न केवल अपराधियों पर लगाम लगेगी, बल्कि पीड़ित को न्याय मिलने में तेजी आएगी।’