छत्तीसगढ़ में कोरबा -दंतेवाड़ा के डीएमएफ में 10 हजार करोड़ का घोटाला, पूर्वगृहमंत्री ननकीराम कंवर ने प्रेस कांफ्रेंस कर लगाए गम्भीर आरोप, वर्तमान कलेक्टर को भी लिया निशाने पर, मची खलबली

रायपुर, 30 दिसंबर (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ (जिला खनिज संस्थान न्यास )को लेकर वर्तमान व पूर्ववर्ती शासनकाल के अफसरों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। राजधानी रायपुर में पूर्व गृहमंत्री ने प्रेस कान्फ्रेंस कर 10 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने सर्वाधिक डीएमएफ वाले कोरबा और दंतेवाड़ा जिले में सीएसआर मद में भी बड़े भ्रष्टाचार की बात कहते हुए मौजूदा कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपों के बाद दोनों बड़े जिलों में खलबली मची हुई है।

श्री कंवर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रदेश में डीएमएफ के मद की जब से शुरुआत हुई है ,तब से अब तक कोरबा -दंतेवाड़ा और प्रदेश के सभी जिलों के कार्यों की जांच सीबीआई -ईडी के जरिए कराने के लिए पूर्व में भी मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इसके बाद जांच -पड़ताल और कार्रवाई भी हुई है। उन्होंने कोरबा में ताजा भ्रष्टाचार के प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि सुनालिया में 30 करोड़ की लागत से अंडरब्रिज का कार्य चल रहा है। यह काम डीएमएफ मद की सहभागिता से कराया जा रहा है ,प्रशासन ने इसके लिए सहभागिता राशि 15 करोड़ जारी भी कर दी है। जबकि नियमानुसार डीएमएफ से यह काम नहीं हो सकता। श्री कंवर ने मौजूदा कलेक्टर अजीत वसंत पर आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार करने के लिए ही डीएमएफ मद से यह कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने पूर्ववर्ती कलेक्टर पर भी गम्भीर आरोप लगाए।उन्होंने कहा कि पद का दुरुपयोग कर कई सौ करोड़ का घोटाला किया गया ।श्री कंवर ने बताया कि कमीशनखोरी भ्रष्टाचार करने के लिए विभिन्न विभागों में सामाग्री सप्लाई ,प्रशिक्षण ,स्ट्रीट लाईट ,महिला समितियों को प्राप्त सामाग्री शिक्षा विभाग ,स्वास्थ्य विभाग,महिला एवं बाल विकास ,उद्यान विभाग में स्तरहीन निर्माण एवं स्तरहीन सामाग्रियों की सप्लाई बाजार दर से अधिक दर पर किया गया है। यह करीब 500 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार है। इसकी शिकायत भी की गई है।


पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर ने कहा कि इसी तरह कोरबा के एसईसीएल की खदानों जैसे दीपका,कुसमुंडा ,गेवरा एवं अन्य जगहों पर भू अधिग्रहण के बावजूद भू स्वामियों को मुआवजा,व्यवस्थापन और नोकरी नहीं दी गई है।

सिपेट रायपुर को भेजी गई 25 करोड़ की राशि आज तक नहीं मिली ,जांच की दरकार

श्री कंवर ने अपनी शिकायत में बताया कि कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा डीएमएफ की राशि मे से सिपेट रायपुर को दिनांक 18.09.2018 को 25 करोड़ रुपए हस्तांतरित किया गया ,यहाँ बताना लाजिमी होगा कि डीएमएफ की राशि का हस्तांतरण किसी अन्य जिले में अन्य कार्य के लिए नहीं किया जा सकता। परंतु तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 25 करोड़ सिपेट को भेजा गया,मगर सिपेट रायपुर से सूचना का अधिकार में जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि दिनांक 01.04.2018 से 31.03.2019 तक सिपेट रायपुर को डीएमएफ कोरबा से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।

जेल की हवा खा रहे हैं पूर्व कलेक्टर ,सहायक आयुक्त, अन्य अफसर भी राडार में

बतातें चलें कि कोरबा जिले में हुए हजारों करोड़ के डीएमएफ घोटाले में पूर्व कलेक्टर रानू साहू व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास माया वारियर जेल की हवा खा रहे हैं।ED द्वारा इस मामले की जांच की गई है ,मगर यहाँ पदस्थ रहे अन्य कलेक्टरों द्वारा किए गए घोटाले की केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा जांच नहीं की जा सकी है।
दंतेवाड़ा जिले में भी न केवल दंतेवाड़ा वरन बीजापुर ,सुकमा,कांकेर , जगदलपुर में जिले में हजारों करोड़ रुपए का बंदरबाट किया गया है। यह सिलसिला वर्तमान में भी जारी है। जिसकी शिकायती फाइलें धूल खा रही हैं। प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता पूर्व गृहमंत्री के शिकायत के बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य अथवा केंद्रीय जांच एजेंसियां के जरिए जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।।