कोरबा में महिलाओं ने शुरू की न्यूट्रीशन गार्डन की मिसाल, 40 गांवों तक फैली यह पहल

कोरबा,30दिसंबर 2024 (वेदांत समाचार) | जिले के करतला और कोरबा ब्लॉक में महिलाओं ने 14 साल पहले न्यूट्रीशन गार्डन की शुरुआत की थी। यह पहल अब 40 गांवों तक फैल चुकी है, जहां लगभग 1300 गार्डन में सब्जी की पैदावार होती है। रसायन मुक्त खेती से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी हुई है।

आदिवासी जिले में पोषक तत्वों की कमी के कारण बच्चों और महिलाओं को अधिक समस्या हो रही थी। इसे देखते हुए वर्ष 2011 में ग्राम बरतोरी विकास शिक्षण समिति ने किचन गार्डन की शुरुआत की। बाद में नाबार्ड ने प्रोत्साहित करते हुए इसे न्यूट्रीशन गार्डन का नाम देते हुए बढ़ावा दिया।

अब तक 40 गांवों में न्यूट्रीशन गार्डन में कई तरह की सब्जी की फसल उगा रहे हैं। इसमें टमाटर, बैगन, मूली, लाल भाजी, पालक, पत्ता गोभी, मिर्च, बरबट्टी, लाल भाजी, हरी मिर्च लौकी रखिया की प्रमुख फसल है। इसके अलावा अदरक और हल्दी की खेती की भी शुरुआत की गई है।

न्यूट्रीशन गार्डन घर की बाड़ी में ही लगा सकते हैं। इससे देखरेख में भी कोई समस्या नहीं होती है। कई लोग तो गार्डन में उगाई गई सब्जियों की बिक्री भी करते हैं। इससे उन्हें सब्जी के लिए बाजार पर निर्भर रहना नहीं पड़ता।

हरियाली समूह की जिला बाई राठिया ने बताया कि रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग भी देते हैं। इससे परिवार का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। बच्चों को पोषण आहार अच्छा मिलता है।

जीबीपीएसएस के अध्यक्ष सूर्यकांत सोलखे ने बताया कि रसायन मुक्त सब्जी की खेती से जमीन को भी बचा रहे हैं। केमिकल के नाम पर कुछ भी नहीं डाला जाता। इस वजह से सब्जी की डिमांड भी अधिक है। कई ग्रामीण सब्जी की अच्छी पैदावार भी कर रहे हैं। इससे उनके आय में भी वृद्धि हुई है।