6 दिनों से बोरवेल में फंसी 3 साल की बच्ची, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक क्यों नहीं हुआ सफल? गहरे टनल में उतरे जवान

जयपुर,28दिसंबर 2024: राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ क्षेत्र में पिछले 6 दिनों से तीन साल की बच्ची चेतना बोरवेल में फंसी है. उसे बचाने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. बच्ची लगभग 170 फीट गहराई में फंसी हुई है. रेस्क्यू में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार जुटी हुई हैं. कोटपूतली में चेतना को निकालने के लिए एनडीआरएफ के तीन जवान ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर मशीन के जरिए 170 फीट गहरे टनल में उतरे हैं. चेतना को बचाने के लिए रेस्क्यू का आज छठवां दिन है. पाइलिंग मशीन से बोरवेल के समानांतर 170 फीट का ड्रिल करके खुदाई करने के बाद उसमें केसिंग का काम किया गया. अब चेतना जिस बोरवेल में है, वहां तक टनल बनाया जाएगा.

जिला प्रशासन का कहना है कि अभी चेतना को निकालने में कुछ घंटे लग सकते हैं. इस बीच परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां इतना धीरे काम कर रहे हैं, जैसे कोई देखने वाला नहीं है. बच्ची की मां ने रोते हुए कहा कि कलेक्टर मैडम अपनी बेटी समझकर मेरी बेटी को बचा लो. वहीं बच्ची के ताऊ का कहना है कि जिला प्रशासन कह रहा है कि आप तो किनारे बैठो, काम तो काम की तरह होगा. प्रशासन पर लापरवाही से रणनीति बदलने का भी आरोप लग रहा है.

रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के समानांतर सुरंग खोदने का काम पूरा कर लिया है. अब 170 फीट गहरी सुरंग में प्रशिक्षित जवानों को उतारा गया है. टीम ने 90 डिग्री पर 8 फीट की सुरंग तैयार की है, जिसके माध्यम से चेतना तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम बाधा बना. घटनास्थल पर बारिश के कारण काम धीमा हो गया था. प्रशासन ने बारिश से बचने के लिए तिरपाल लगाए और ऑपरेशन को जारी रखा. चेतना के माता-पिता बेहद परेशान हैं. 6 दिनों से भूखी-प्यासी बच्ची के लिए दुआएं की जा रही हैं. चेतना की मां धौली देवी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. घटनास्थल पर सैकड़ों ग्रामीण चेतना की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. वहां पूजा-अर्चना और हवन किया गया है. प्रशासन ने भी लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है.

बता दें कि चेतना सोमवार की दोपहर खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. वह करीब 170 फीट की गहराई पर फंसी है. प्रशासन का कहना है कि बच्ची तक पानी या खाना पहुंचाना संभव नहीं हो पाया है. देसी जुगाड़ के जरिए चेतना को 30 फीट तक ऊपर लाने में टीम को सफलता मिली थी.