मुंबई, 26 दिसंबर 2024: क्लासिक क्राइम ड्रामा सीआईडी सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर वापस आ गया है, जिससे कई लोगों की बीते ज़माने की यादें ताज़ा हो गई हैं। यह शो, जिसने दो दशकों से अधिक समय तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है, अब हर शनिवार और रविवार रात 10 बजे चैनल पर प्रसारित हो रहा है। शो के साथ ही इसकी प्रसिद्ध तिकड़ी – शिवाजी साटम, आदित्य श्रीवास्तव, और दयानंद शेट्टी वापस आ गए हैं, जो एसीपी प्रद्युमन और सीनियर इंस्पेक्टर अभिजीत और दया की भूमिकाएं दोबारा निभा रहे हैं, जिससे उनके फैंस बेहद खुश हैं। एक खास इंटरव्यू में, हम सीनियर इंस्पेक्टर अभिजीत, यानी आदित्य श्रीवास्तव से मिले, जिन्होंने अपने किरदार के विकास, नए सीज़न की शूटिंग के अपने अनुभव, और इस ऐतिहासिक शो को लेकर फैंस की उम्मीदों बारे में खुलकर बात की।
शो की विरासत और भारतीय टेलीविज़न पर इसके प्रभाव को लेकर आपको कैसा महसूस होता है?
सीआईडी की विरासत कुछ ऐसी है जिस पर मुझे बेहद गर्व है। यह देखने का अनुभव बेहद सुखद है कि सीआईडी ने दर्शकों के साथ एक अनोखा रिश्ता बना लिया है। शो का प्रभाव केवल उन मामलों तक सीमित नहीं है जो हमने सुलझाए हैं, बल्कि यह किरदारों, उनके आपसी संबंधों, और दर्शकों से कनेक्ट करने के हमारे तरीके के बारे में है। इतने सालों से, सीआईडी एक घरेलू नाम बन गया है, इसके प्रतिष्ठित किरदार और उनके यादगार डायलॉग दर्शकों के मन में बस गए हैं। यही सांस्कृतिक छाप इस शो की असल ताकत को दर्शाती है।
नए सीज़न का पहला एपिसोड प्रसारित होते समय आपने क्या महसूस किया? क्या इसने आपको बीते दिनों की याद दिलाई?
यह शब्दों में बयां करना मुश्किल है, लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद सीआईडी को स्क्रीन पर वापस देखना हम सभी के लिए एक भावुक पल था, जैसे कि किसी पुराने दोस्त से फिर से मिलने पर जो एहसास होता है बिल्कुल वैसा ही। जब पहला एपिसोड प्रसारित हुआ, तो मैं यह सोचने से खुद को रोक नहीं पाया कि शो कितना विकसित हो गया है, लेकिन इसके साथ ही यह अपनी जड़ों से भी जुड़ा हुआ है। यह भी बेहद सुकून देने वाली बात थी कि नई पीढ़ी के दर्शक भी शो से जुड़ रहे हैं, जिससे इसकी वापसी और भी खास बन गई है।
क्या इतने लंबे ब्रेक के बाद अभिजीत के किरदार में वापस आना आसान था, या आपको इस किरदार के कुछ पहलुओं को फिर से समझना पड़ा?
यह किरदार मेरे तन, मन, और आत्मा में बस चुका है। सालों से इंस्पेक्टर अभिजीत को जो प्यार और तारीफ मिल रही है, वह वाकई बहुत संतोषजनक रही है। जब मैं इस किरदार में वापस आया, तो ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मैं किसी ब्रेक के बाद फिर से इसमें लौट रहा हूं। ऐसा लगा जैसे हमने कल ही एक एपिसोड की शूटिंग की थी और अब हम एक और एपिसोड की शूटिंग के लिए सेट पर वापस आ गए हैं।
सीआईडी अपने पुरानी और नई पीढ़ी के दर्शकों, दोनों को आकर्षित कर रहा है, आप इस बारे में कैसा महसूस करते हैं?
हमारी पूरी टीम ने केवल एक लक्ष्य को अपने मन में रखकर कड़ी मेहनत की है—हर किसी का मनोरंजन करना; चाहे वह अपने ग्रैंडकिड्स के साथ शो देख रहे ग्रैंडपेरेंट्स हों, भाई-बहन, ससुराल वाले, दोस्त, या गृहिणियां, हर कोई साथ बैठकर इस शो का आनंद ले सके। जेन-ज़ी के लिए, हम नए शब्द, आइडिया, और प्रस्तुति की शैलियों को शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, और हमें उम्मीद है कि उन्हें ये बातें पसंद आएंगी। हमारी पूरी टीम यह समझती है कि समय बदल गया है, पसंद में बदलाव आया है, और एक नई पीढ़ी के दर्शक उभरे हैं। हम अपनी मूल भावनाओं और आदर्शों के प्रति निष्ठावान रहते हुए, नई प्राथमिकताओं के साथ सामंजस्य बिठाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
सीआईडी के फैंस ने हमेशा आपके किरदार, अभिजीत और दया की गहरी दोस्ती की तारीफ की है। क्या हम आप दोनों के बीच के ऐसे कई सारे यादगार पलों की उम्मीद कर सकते हैं?
मैंने उन्हें शुरू से देखा है, अभिनेता के रूप में उन्हें विकसित होते देखा है। मैंने देखा है कि वह कैसे विकसित हुए हैं, और वह बेहद सहज हैं। उनके साथ काम करके मज़ा आता है, और स्क्रीन पर हमारी जो दोस्ती दिखती है, वही ऑफ़-स्क्रीन भी वैसी ही है। हम एक परिवार की तरह हैं; हम सभी इस शो में 20 साल से एक साथ हैं। हम इतने लंबे समय तक साथ रहे हैं क्योंकि हमें एक-दूसरे के साथ रहना पसंद है। हमें एक-दूसरे के साथ समय बिताने में मज़ा आता है। हम सभी अपने काम के प्रति निष्ठावान हैं, और हममें से कोई भी स्टारडम की परवाह नहीं करता। हम अपने काम के प्रति समर्पित हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। इन्हीं कारणों से हम इतने लंबे समय तक एक टीम बने रहने में सफल रहे हैं।
सीआईडी फैनबेस बेहद समर्पित और निष्ठावान है। क्या आपको फैंस से कोई संदेश या प्रतिक्रिया मिली है जो आपके दिल के करीब हो?
बहुत सारे लोग हैं, खासतौर पर बच्चे, जो हमें शो के दौरान बताते थे कि सीआईडी देखने के बाद वे पुलिस बल में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए। हमने बहुत से लोगों को फॉरेंसिक्स से परिचित कराया, जिसे लेकर आम लोगों को बहुत ज़्यादा जानकारी नहीं थी। कई बच्चों ने फॉरेंसिक साइंस में दिलचस्पी ली और बाद में इसे करियर के रूप में चुना, फॉरेंसिक साइंस प्रोग्राम्स में दाखिला लिया। ऐसे भी कई मौके आए जब हमारी छवि इतनी वास्तविक हो गई कि फैंस को लगने लगा कि हम वाकई पुलिस विभाग में काम करते हैं। कई बार लोग हमसे व्यक्तिगत समस्याओं या घटनाओं को हल करने के लिए मदद मांगने आए हैं। एक बार दिल्ली एयरपोर्ट पर मेरे साथ एक घटना हुई, जहां एक महिला मेरे पास आई और कहा कि उसका पर्स चोरी हो गया है और उसने मुझसे मदद मांगी। मैंने उसे बताया कि हम जो शो में करते हैं, वह हकीकत से अलग है, लेकिन मैंने उसकी मदद करते हुए उसे सुझाव दिया कि वह सीसीटीवी कैमरों की जांच कराए, क्योंकि हो सकता है उसका पर्स वहां मिल जाए। मैंने उसे रिपोर्ट दर्ज करने की भी सलाह दी, क्योंकि सब कुछ सीसीटीवी पर रिकॉर्ड हो रहा था। तो मैंने ऐसे हालातों में भी मदद की है।
सीआईडी देखना न भूलें, हर शनिवार और रविवार रात 10 बजे, केवल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर!