स्मार्ट सिटी मिशन : 91% परियोजनाएं पूरी, 1.47 लाख करोड़ रुपये का निवेश

दिल्ली,19 दिसंबर 2024। ‘2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में सैकड़ों छोटे शहरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारी सरकार जीवन की सुगमता में सुधार के लिए ऐसे शहरी केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रही है।

स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) का लक्ष्य स्मार्ट और सतत समाधानों के माध्यम से भारत के शहरों में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इसका लक्ष्य ऐसे शहरों का निर्माण करना है जो आर्थिक रूप से जीवंत, समावेशी और पर्यावरण के अनुकूल हों। अवसंचना, शासन और सामाजिक विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके एससीएम देश भर में शहरी जीवन में बदलाव लाना चाहता है। इस पहल में 100 शहरों का नेतृत्व करते हुए मिशन ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके तहत 1,47,704 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 8,075 परियोजनाओं में से 7,380 को पूरा किया है। ये पूरी की गई परियोजनाएं सभी के लिए स्मार्ट, बेहतर रहने योग्य शहरी स्थान बनाने के लिए एससीएम की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 जून 2015 को शुरू किए गए स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य कुशल सेवाएं, सुदृढ़ बुनियादी ढांचा और सतत समाधान प्रदान करके 100 शहरों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। आर्थिक विकास, समावेशिता और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह आवास, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन जैसी विविध आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसका लक्ष्य अनुकूलनीय शहरी स्थान बनाना है जो अन्य शहरों के लिए मॉडल के रूप में काम करते हैं।

मिशन का दृष्टिकोण

स्मार्ट सिटी मिशन को मुख्य रूप से दो तरीकों से लागू किया जाता है। पहला, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहरों को एक क्षेत्र-आधारित विकास (एबीडी) दृष्टिकोण का उपयोग करके विकसित किया जा रहा है। 100 शहरों में से प्रत्येक ने आबादी के हिसाब से जरूरतों को पूरा करते हुए एक परिभाषित क्षेत्र का चयन किया है। नागरिकों की भागीदारी के माध्यम से चुने गए इन एबीडी क्षेत्रों को शहर के अन्य हिस्सों के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

दूसरा, प्रत्येक शहर में पैन-सिटी परियोजनाएं शामिल हैं, जो प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान हैं। मिशन के अन्य प्रमुख आयामों में कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए एक स्पेशल पर्पज वीइकल (एसपीवी) {विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति के लिए} संरचना बनाना, परियोजनाओं के लिए धन के कई स्रोतों को बढ़ावा देना, प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देना और नागरिकों को शामिल करना शामिल है।

मिशन की प्रमुख उपलब्धियां

13 दिसंबर 2024 तक कुल परियोजनाओं में से 91% सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं, जो पूरे भारत में शहरी परिदृश्य को फिर से आकार देने में महत्वपूर्ण प्रगति को उजागर करता है।

एससीएम द्वारा हासिल की गई कुछ प्रमुख पहल और ऐतिहासिक उपलब्धियां नीचे दिए गए हैं (15.11.24 तक)

एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) : सभी 100 स्मार्ट शहरों में कार्यशील आईसीसीसी हैं, जो निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग करते हैं। इन आईसीसीसी ने महामारी के दौरान कोविड वॉर रूम के रूप में काम किया और एआई, आईओटी और डेटा एनालिटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करके परिवहन, जल आपूर्ति और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे शहर के संचालन में काफी सुधार किया है।

सार्वजनिक सुरक्षा और संरक्षा : अपराध की निगरानी में सहायता के लिए 100 स्मार्ट शहरों में 84,000 से अधिक सीसीटीवी निगरानी कैमरे स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ाते हुए 1,884 आपातकालीन कॉल बॉक्स, 3,000 सार्वजनिक संबोधन प्रणाली और ट्रैफिक सिग्नल पर लाल बत्ती उल्लंघन और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान के लिए यातायात प्रवर्तन प्रणाली स्थापित की गई हैं।

जल आपूर्ति : एससीएडीए (स्काडा) के माध्यम से 17,026 किलोमीटर से अधिक जल आपूर्ति प्रणाली की निगरानी की जा रही है, जिससे गैर-राजस्व पानी और रिसाव को कम किया जा रहा है।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन : 66 से अधिक शहर प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग, मार्ग प्रबंधन, संग्रहण की कार्यकुशलता और दैनिक प्रबंधन में सुधार के साथ ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन कर रहे हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्षमता को डिजिटल और बेहतर बनाने के लिए स्वचालित वाहन स्थान (एवीएल) के लिए लगभग 9,194 वाहनों को आरएफआईडी-टैग से सुसज्जित किया गया है।

गतिशीलता (मोबिलिटी) : 1,740 किलोमीटर से अधिक स्मार्ट सड़कों का निर्माण या सुधार किया गया है और 713 किलोमीटर साइकिल ट्रैक विकसित किए गए हैं। इसके अलावा एक इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू किया गया है। आईसीसीसी के माध्यम से इसकी निगरानी की जा रही है, जिससे यातायात संचालन में सुधार हो रहा है, यातायात कानून के उल्लंघन को काबू किया जा रहा है और यात्रा के समय को कम किया जा रहा है।

शिक्षा : 9,433 स्मार्ट क्लासरूम और 41 डिजिटल लाइब्रेरी विकसित की गई हैं।

स्वास्थ्य : 172 ई-स्वास्थ्य केंद्र और क्लीनिक (बिना बिस्तर) विकसित किए गए हैं, और 152 स्वास्थ्य एटीएम भी स्थापित किए गए हैं।

उभरती जरूरतों को अपनाना और चुनौतियों पर काबू पाना

मुख्य पहलों के अलावा स्मार्ट सिटी मिशन ने उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए परियोजनाएं शुरू की हैं। उदाहरण के लिए कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सक्रिय जीवन के लिए खुली जगहों को बढ़ावा देने को लेकर ‘साइकिल्स4चेंज’ और ‘स्ट्रीट्स4पीपुल’ जैसे अभियान शुरू किए गए थे। सार्वजनिक स्थानों तक समावेशी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘प्लेसमेकिंग मैराथन’ और ‘नर्चरिंग नेबरहुड्स चैलेंज’ जैसी पहल ने कमजोर समूहों पर ध्यान केंद्रित किया। अन्य चुनौतियां जैसे ‘ट्रांसपोर्ट4ऑल’ और ‘ईटस्मार्ट सिटीज’ का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन स्टार्टअप का सहयोग करना और स्मार्ट शहरों में खाद्य स्वच्छता में सुधार करना है।

स्मार्ट सिटी मिशन की रणनीतियां

स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य स्थानीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देकर और स्मार्ट परिणामों के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इस परिकल्पना में रेट्रोफिटिंग और पुनर्विकास के माध्यम से मौजूदा क्षेत्रों को बदलना, ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के माध्यम से नए क्षेत्रों का विकास करना और पूरे शहर में स्मार्ट समाधानों को लागू करना शामिल है। प्रत्येक शहर के प्रस्ताव में सभी निवासियों के लिए समावेशिता और लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक पैन-सिटी सुविधा के साथ क्षेत्र-आधारित मॉडल (रेट्रोफिटिंग, पुनर्विकास या ग्रीनफील्ड विकास) में से एक शामिल होना चाहिए। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में विकास क्षेत्र की आवश्यकताएं आधी हो जाती हैं।