नई दिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत ने पिछले 200 सालों से पर्यावरण परिवर्तन में केवल तीन फीसद का ही योगदान दिया है। जबकि यूरोप और अमेरिका ने पिछले दो सौ सालों में और चीन ने 40 सालों में बेहिसाब कार्बन उत्सर्जन किया है। जावडेकर ने वर्चुअल `एनवायरमेंट कान्क्लेव : रिवाइवल, रीजेनेरेशन एंड कंजरवेशन आफ नेचर` में कहा कि पेरिस समझौते के तहत विकसित देशों ने विकासशील देशों के लिए 1.1 खरब अमेरिकी डालर की रकम नुकसान की भरपाई के तौर पर देने का एलान किया था। लेकिन रविवार को जी-सात की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि यूरोप, अमेरिका और चीन जैसे देशों ने विश्व को आर्थिक रूप से समृद्ध किया लेकिन दुनिया को बुरी तरह से प्रदूषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा देश है जिसकी वजह से पर्यावरण परिवर्तन पर सबसे कम असर पड़ा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेरिस समझौते के मुताबिक हर साल देश 100 अरब डालर पर्यावरण परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को दी जाने वाली हैं।
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