उत्तर प्रदेश के संभल में बीते दिनों 46 साल से बंद पुराने शिव मंदिर को प्रशासन ने खुलवाया था. इस मंदिर में प्राचीन शिवलिंग के साथ एक हनुमान जी की मूर्ति और कुआं भी मिला है. अब प्रशासन को कुएं की खुदाई में 3 मूर्तियां मिली हैं. ये मूर्तियां मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की हैं. यह मंदिर 1978 से बंद पड़ा था. प्रशासन ने इस मंदिर की साफ-सफाई करवाई और 15 दिसंबर को इस मंदिर में विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-आरती की गई.
डिप्टी एसपी अनुज चौधरी का कहना है कि मंदिर से तीन मूर्तियां बरामद हुई हैं. अभी कुएं की खुदाई का काम बंद कर दिया गया है. कुएं को ढक दिया गया है. खुदाई के दौरान मां पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की मूर्तियां मिली हैं. इन मूर्तियों की कार्बन डेटिंग कराई जाएगी. एक मूर्ति संगमरमर की है, जो कार्तिकेय जी की लगती है. 2 मूर्तियां खंडित हैं.
मंदिर 400 साल पुराना
यह प्राचीन मंदिर 400 साल पुराना है, जोकि कार्तिक शंकर मंदिर है. 82 साल के विष्णु शरण रस्तोगी जी का कहना है कि उनके कुनबे के करीब 40 से 42 घर यहां खग्गू सराय में रहते थे. इस पूरी गली में उनका परिवार रहता था. परिवार के सभी धार्मिक कार्यक्रम इस मंदिर से किए जाते थे और कुएं से जल लेकर मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती थी.
1978 में दंगे के बाद लोग कर गए पलायन
विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि 1978 से पहले उनका पूरा खानदान संभल में रहता था. 1978 में दंगे हुए तो उस गली में एक बड़े गोदाम में आग लगा दी गई. इसके बाद 40 से 42 रस्तोगी परिवार उस जगह को छोड़कर चले गए. मंदिर को भी वैसे ही छोड़ दिया गया. इसके बाद वहां पर मुस्लिम आबादी आकर बस गई. उनके घरों को भी मुसलमान समाज के लोगों ने खरीद लिया. इसके बाद कोई भी रस्तोगी परिवार उस मंदिर में पूजा-पाठ करने नहीं गया.
मंदिर के कुएं का कर लिया गया अतिक्रमण
विष्णु शरण रस्तोगी के मुताबिक, कई बार मंदिर में पुजारी रखने की बात हुई, लेकिन पुजारी ने भी सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए उस गली में जाने से मना कर दिया. मंदिर के ऊपरी शिखर की तरफ छज्जा निकाल कर अतिक्रमण किया गया है. यह छज्जा पहले नहीं था. इसके अलावा मंदिर के ठीक पीछे 4 फुट का परिक्रमा मार्ग था, वह भी खत्म कर दिया गया है, वहां पर मकान बन गया है. मंदिर के कुएं पर भी मिट्टी डालकर उसे पाट दिया गया है और उसके ऊपर गाड़ी पार्क करने की जगह बना दी गई.