रायपुर । विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा ब्लड डोनर मोटिवेशन के लिए राज्य स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार की मुख्य अतिथि राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, विशिष्ट अतिथि अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. विष्णु दत्त एवं चेयरमेन, रेडक्रॉस सोसायटी सोनमणि वोरा तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी विभाग डॉ. अरविन्द नेरल थे।
अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त ने स्वागत उद्बोधन दिया और सोनमणि वोरा ने रक्तदान के क्षेत्र में रेडक्रास की भूमिका का उल्लेख किया।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने वेबिनार में उद्बोधन देते हुए कहा मरीजों को जीवन देने के लिए डॉक्टरों के साथ ही रक्तदाताओं की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है। रक्तदान दिवस को लेकर मेरे पास कुछ स्मृतियां हैं। जब मैं कॉलेज में स्टूडेंट थी तब एक स्वयंसेवी संस्था (रोट्रेट क्लब) से जुड़ी थी। हम लोगों ने सभी समूह के रक्तदाताओं की लिस्ट बनाई थी। जब किसी को रक्त की जरूरत पड़ती थी तब उस लिस्ट की मदद से रक्तदाताओं से संपर्क करना आसान हो जाता था।
इस वेबिनार में आज राज्य के लगभग सभी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जुड़े हुए हैं। अतः सभी विश्वविद्यालयों के माध्यम से सभी छात्रों को रक्तदान के लिये प्रोत्साहित किया जा सकता है क्योंकि रक्तदान की भावना जिस दिन से हमारे छात्र-छात्राओं के अंदर आ गई उस दिन से गांव हो या शहर जरूरतमंद लोगों में से किसी को भी रक्त का अभाव नहीं होगा। अभी कोरोना काल में रक्तदान को लेकर वर्चुअली मीटिंग कर रक्तदान की दिषा में जागरूकता लायी जा सकती है। एक्सीडेंट के मामलों में रक्त की जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है। जहां-जहां ब्लड बैंक की व्यवस्था है, इसकी जानकारी हर किसी को होनी चाहिए। रक्तदान के प्रोत्साहन के लिये सामाजिक संस्थाओं को आगे आना होगा। जनसामान्य से ही जागरूकता आ सकती है। वेबिनार के माध्यम से डॉ. नेरल ने बहुत ही अच्छी एवं ज्ञानप्रद जानकारी दी। रक्तदान बेहद ही पुनीत कार्य है जो लोगों को जीवनदान देता है। अंत में विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामना देती हूं।
वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ. अरविन्द नेरल ने रक्तदान की महत्ता विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताई। उन्होंने कहा कि जब किसी के द्वारा किये गये रक्तदान से किसी मां के बच्चे की जान बच जाती है तो मां के भाव कुछ इस तरह से होते हैं- मेरा बच्चा घर वापस आ सका क्योंकि आपने रक्तदान किया… डॉ. नेरल ने कहा कि यूं ही रक्तदान को महादान नहीं कहा जाता। एक व्यक्ति के द्वारा किये गये रक्त से कई लोगों की जान बच सकती है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अपने पूरे जीवन में 188 बार रक्तदान कर सकता है। इस प्रकार वह कुल 65 लीटर रक्तदान कर सकता है। इस तरह किसी व्यक्ति द्वारा किए गए रक्तदान से लगभग 564 व्यक्तियों को खून की आपूर्ति की जा सकती है। महिलाएं एक वर्ष में अधिकतम तीन बार ही रक्तदान कर सकती हैं, वहीं पुरुष अधिकतम 4 बार रक्तदान कर सकते हैं। इसके लिये रक्तदाता की आयु 18 से 65 साल के बीच होना चाहिए। उसका वजन कम से कम 45 किलो और हीमोग्लोबिन 12.5 होना चाहिए। डॉ. नेरल ने कहा – खून कारखानों में नहीं बनाया जा सकता, खून खेती में नहीं उगाया जा सका, खून बाजार में नहीं बिकता, खून पशुओं से नहीं लिया जा सकता, यह केवल और केवल एक इंसानी शरीर से दूसरे इंसानी शरीर को दिया जा सकता है।
अंत में डॉ. राबिया परवीन सिद्दीकी ने वेबिनार में शिरकत करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया और उन्होंने बताया कि विश्व रक्तदाता दिवस की इस वर्ष की थीम है -रक्तदान करके दुनिया को हराते रहो, आइये हम सब मिलकर जरूरतमंदों के लिये रक्तदान करें और उनके जीवन की रक्षा करने में अपना योगदान दें।
इस वेबिनार में आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. चंद्राकर समेत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने भाग लिया। इसके साथ ही प्रदेष के विभिन्न कॉलेजों के एनसीसी कैडेट्स, राष्ट्रीय सेवा योजना और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
00 तीन महीने पहले कोविड हुआ था क्या रक्तदान कर सकता हूं…
वेबिनार में अम्बिकापुर से जुड़े राजकुमार जायसवाल ने पूछा, तीन महीने पहले कोविड हुआ था क्या रक्तदान कर सकता हूं ? डॉ. नेरल ने जानकारी दी कि कोविड से पूरी तरह से ठीक होने के तीन महीने बाद आप रक्तदान कर सकते हैं। मोहन ने पूछा एक बार रक्तदान के कितने दिनों बाद दोबारा रक्तदान कर सकते हैं ? डॉ. नेरल ने बताया महिलायें चार महीने बाद और पुरुष तीन महीने दूसरा रक्तदान कर सकते हैं। मनप्रीत कौर खालसा बलौदाबाजार ने पूछा – घरवालों को रक्तदान के प्रति कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है? डॉ. नेरल ने उत्तर दिया ब्लड डोनर वालिंटियर्स, ब्लड बैंक काउंसलर एवं आप स्वयं भी घरवालों को रक्तदान के लिये प्रेरित कर सकती हैं। एक प्रतिभागी ने प्रश्न किया – वैक्सीनेशन के कितने दिनों बाद रक्तदान कर सकते हैं? डॉ. नेरल ने जानकारी दी कि वैक्सीनेशन के 14 दिनों बाद रक्तदान कर सकते हैं।
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