जांजगीर-चांपा, 24 नवंबर : जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में अब विजन जांच और चश्मा नंबर जांच बस हो पा रही है। आपरेशन और आंखों से संबंधित बीमारी होने पर मरीजों को रेफर करना मजबूरी हो गई है।
अस्पताल प्रबंधन के सामने भी बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। ऐसे में डाक्टर नहीं होने से आंखों से संबंधित बीमारी व मोतियाबिंद आपरेशन के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में एक बार फिर से अंधेरा छा गया है। नेत्र सर्जन डा. निशांत पटेल के बाद अब दो साल की बांड अवधि में पदस्थ डा. निकिता खेस की भी सेवा अवधि पूर्ण हो गई। उनके जाने के बाद जिला अस्पताल का आई वार्ड सर्जन विहीन हो गया और आंखों से संबंधित बीमारी के इलाज पर ब्रेक लग गया है। हालांकि डॉ. निकिता खेस को यहां स्थायी रूप से वापस लाने अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन के जरिए शासन को चिट्ठी भी भेज दी है। लेकिन अब यह शासन के हाथ में है कि उनकी नियुक्ति यहां होगी है या नहीं।
नेत्र सर्जन डॉ. निकिता खेस की यहां पदस्थापना के लिए कलेक्टर के माध्यम से शासन को चिट्ठी भेजी गई है। अगर स्वीकृति मिलती है तो यहां स्थायी नेत्र सर्जन मिल जाएगा। मोतियाबिंद के आपरेशन की सुविधा बीडीएम चांपा में भी है। हफ्ते में एक दिन आपरेशन होते हैं इसलिए थोड़ी परेशानी होगी।
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