कोरबा, 03 दिसंबर (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS) के नेतृत्व में कुसमुंडा में चल रहे आंदोलन को बड़ी जीत मिली है। एसईसीएल के बिलासपुर मुख्यालय ने पुराने लंबित रोजगार प्रकरण मामले में एक भू विस्थापित को रोजगार देने के लिए एप्रुवल आदेश जारी किया है।
इस जीत के बाद, किसान सभा ने कहा कि वे आगे भी रोजगार के लिए लड़ेंगे और जीतेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दमन के सहारे शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचला नहीं जा सकता है और जो अपने अधिकार के लिए लड़े हैं उन्हीं की जीत हुई है।
भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर श्याम और अध्यक्ष रेशम यादव ने कहा कि इस जीत से मिले हौसले के बाद सभी भू विस्थापितों को रोजगार मिलने तक संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
इस अवसर पर, छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि किसान सभा का शुरू से मानना है कि जिनकी जमीन का एसईसीएल ने अधिग्रहण किया है, प्रत्येक खातेदार को स्थाई रोजगार मिलना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि एसईसीएल में 1993 में बृजमोहन लाल की जमीन अधिग्रहण हुई थी, अधिग्रहण के बाद दफ्तरों का रोजगार के लिए चक्कर लगाया लेकिन रोजगार नहीं मिला। भटक कर थक गए थे और रोजगार की उम्मीद समाप्त हो गई थी, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ किसान सभा के सही मार्ग दर्शन नेतृत्व में 1128 दिनों से एकता बद्ध तरीके से भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने संघर्ष किया संघर्ष के बाद एसईसीएल ने रोजगार के लिए पात्र मानते हुए रोजगार के लिए नियुक्ति पत्र जारी किया है।
इस अवसर पर धरना स्थल पर आयोजित सभा में प्रमुख रूप से दीपक साहू, जय कौशिक, हरिहर पटेल, बृजमोहन, दीनानाथ, सुमेन्द्र सिंह, नरायन, मानिक दास, उत्तम, होरी, नौशाद, मंगल, परस, राजकुमार के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापितों ने संघर्ष को और तेज करने का संकल्प लिया।
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