रायपुर, नवंबर 2024: ‘टेम्पल कनेक्ट’ ने हाल ही में ट्राइटन होटल में ‘टेम्पल कनेक्ट मीट्स रायपुर’ का सफल आयोजन किया। ‘टेम्पल कनेक्ट’ गिरीश कुलकर्णी द्वारा स्थापित पहल है। इस आयोजन में रायपुर, भिलाई और छत्तीसगढ़ के 34 से अधिक मंदिरों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। टेम्पल कनेक्ट ने मंदिर के प्रतिनिधियों को फरवरी माह में तिरुपति में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन और एक्सपो (आईटीसीएक्स) 2025 की जानकारी दी और साथ ही मंदिर के इकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट टेम्पल मिशन से परिचित कराया।
छत्तीसगढ़ को अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, क्योंकि इसे भगवान राम का ननिहाल यानि माता कौशल्या का मायका माना जाता है। ऐसे में, कार्यक्रम में मंदिर के प्रतिनिधियों और ट्रस्टीज़ का उत्साह देखते ही बना। उनके द्वारा मंदिर प्रबंधन पर अपने दृष्टिकोण साझा किए गए और आईटीसीएक्स 2025 के मिशन के साथ जुड़ने में उनके भीतर गहरी रुचि देखी गई। जो अंतर्दृष्टि और सीख मंदिर के स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा साझा की गईं, उनसे निश्चित ही मंदिर में दर्शन के अनुभव को सुधारने में मदद मिलेगी।
टेम्पल कनेक्ट और आईटीसीएक्स के संस्थापक, गिरीश कुलकर्णी ने कहा, “हम अपने देश के प्रतिष्ठित मंदिरों के अनुभवी संरक्षकों के साथ जुड़ने के लिए आभारी हैं। उनसे सीखने का अवसर मिलना हमारे लिए सम्मान का विषय है। स्मार्ट टेम्पल मिशन के माध्यम से, हमारा लक्ष्य मंदिर इकोसिस्टम को आधुनिक बनाना है, ताकि बेहतर तकनीक का उपयोग कर मंदिर में दर्शन करने जाने के अनुभव को और भी अधिक सहज और सुरक्षित बनाया जा सके। हम 2025 में आईटीसीएक्स को नए आयाम दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि दूसरे संस्करण में हमें रायपुर से दोगुनी संख्या में भागीदारी देखने को मिलेगी।”
इस महत्वपूर्ण आयोजन में सिरपुर के गंधेश्वर नाथ मंदिर ट्रस्ट, सरायपाली के दुर्गा मंदिर सेवा समिति ट्रस्ट, भिलाई के जगन्नाथ मंदिर और खल्लारी मंदिर के प्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न प्रतिष्ठित मंदिरों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन भारत के आध्यात्मिक और मंदिर इकोसिस्टम के विषय में छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शित करने का माध्यम बना।
इस कार्यक्रम का संचालन आईटीसीएक्स की राष्ट्रीय आयोजन समिति के सदस्य आदेश वर्मा जी और आईटीसीएक्स छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय आयोजन समिति के श्याम तांडी ने किया। इस प्रकार, यह प्रतिष्ठित मंदिरों और उनके प्रबंधकों को एकजुट करने का सार्थक माध्यम बन गया।
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